लॉकडाउन के कारण रोजगार गंवा चुके युवाओं का डाटाबेस हो तैयार : अभिषेक राणा

Wednesday, May 20, 2020 - 03:40 PM (IST)

हमीरपुर : प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा है कि कोविड-19 लॉकडाउन के चलते प्रदेश के हजारों युवा नौकरी खो चुके हैं। जिस कारण से हजारों परिवारों को संकट के इस दौर में आर्थिक असुरक्षा का खौफ निरंतर तनाव में रखे हुए है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर लगातार प्रदेश के लाखों युवा रोजी-रोटी की चिंता में उन्हें लगातार बता रहे हैं कि अब उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय लगने लगा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान यकायक बढ़ी बेरोजगारी का सबसे ज्यादा व खराब प्रभाव हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में पड़ा है। क्योंकि एक अनुमान के अनुसार अकेले हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में 35 हजार से ज्यादा परिवार सीधे तौर पर बेरोजगारी की मार से प्रभावित हुए हैं। बेरोजगार हुए युवाओं में आर्कषक वेतन पाने वाले प्रोफेशनल हैं, जबकि इस दुष्प्रभाव में सबसे बड़ी क्लास 10 से 25 हजार रुपए की नौकरी पाने वाले युवाओं की है। बीटेक इंजीनियर वर्ग भी बड़ी संख्या में प्रभावित हुआ है। कोविड-19 से जूझ रही सरकार के सामने अब नौकरी गंवा कर घर पर बैठ चुकी युवाओं की इस बेरोजगार फौज को रोजगार देना सबसे बड़ी चुनौती होगी। 

उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि युवा जो इस प्रदेश के भविष्य की अमानत है, उनकी आर्थिक सुरक्षा बहाल करने के लिए सरकार अभी से ही खाका बनाना शुरू करे। हालांकि प्रदेश के कुछ जिलों में अपने स्तर पर नौकरी गंवा चुके युवाओं का डाटाबेस बनाने का काम शुरू हुआ है, लेकिन बेहतर होगा कि सरकार अपने स्तर पर प्रदेश के तमाम जिलों को अधिसूचना जारी करे कि जो लोग लॉकडाउन के दौरान अपने रोजगार से हाथ धो बैठे हैं उनका एक डाटाबेस तैयार किया जाए ताकि इस बात का सही पता चल सके कि लॉकडाउन के प्रभाव की गाज कितने युवाओं पर पड़ी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि डाटाबेस तैयार होने के बाद प्रदेश में स्थापित उद्योगों में इन बेरोजगार हुए युवाओं के हुनर का इस्तेमाल करके इस वर्ग को बेरोजगारी की समस्या से बचा सकती है। वहीं छोटी नौकरी करने वाले बेरोजगारों को अब हर जिला के भीतर रोजगार देने की सरकार योजनाएं भी बननी जरूरी हैं। क्योंकि लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचने का तनाव व पीड़ा सह चुका यह वर्ग अब बाहरी राज्यों में रोजगार के लिए जाने से तौबा कर चुका है।
 

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prashant sharma