ब्रिटिश काल में बने इस DC Office पर मंडरा रहा खतरा, जानिए कैसे

Saturday, Oct 14, 2017 - 06:51 PM (IST)

चम्बा: डी.सी. कार्यालय परिसर न सिर्फ जिलावासियों के साथ-साथ प्रशासन की दृष्टि से बेहद महत्व रखता है बल्कि ब्रिटिश काल में बने इस भवन की निर्माण शैली के साथ-साथ इसके साथ जुड़ा इतिहास लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य करता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कुछ माह पूर्व जिला प्रशासन ने खुले मन से सरकारी खजाने का मुंह खोलकर इसके सौंदर्यीकरण को अंजाम दिया लेकिन इसकी सुरक्षा अभी तक पूरी तरह से खतरे में है। यही नहीं, इस भवन की खस्ता हालत खिड़कियां इस भवन की सुंदरता पर ग्रहण लगाने का भी काम कर रही है। 

खिड़की पर नहीं लगाई है जाली
हैरान करने वाली बात है कि जब डी.सी. कार्यालय के सौंदर्यीकरण के कार्य को अंजाम दिया गया तो इन 2 मुख्य बिंदुओं को कैसे नजरअंदाज कर दिया गया, ऐसे में कुछ लोग इसे प्रशासन की लापरवाही तो कुछ इसे इस ऐतिहासिक इमारत के प्रति प्रशासन का उपेक्षापूर्ण रवैया करार दे रहे हंै। कारण चाहे कुछ भी हो लेकर गंभीर बात यह है कि इसकी सुरक्षा पूरी तरह से खतरे में है। इसकी वजह यह है कि डी.सी. कार्यालय भवन के पिछली तरफ मौजूद खिड़की पर जाली तक नहीं लगाई गई है तो साथ ही इस खिड़की के साथ लकड़ी की अलमारियां सटा कर रखी हैं। यही नहीं, सरकारी रिकार्ड यानी फाइलों के रूप में भारी मात्रा में कागज सामग्री रखी हुई है, ऐसे में कोई भी शरारती तत्व कभी भी किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकता है।

...तो तबाह होने से नहीं बच पाएगा यह भवन
 खुदा न खास्ता ऐसा होता है तो ब्रिटिश काल में इमारती लकड़ी से बना यह शानदार भवन तबाह होने से नहीं बच पाएगा। जहां तक खिड़कियों की खस्ता हालत की बात है तो इस भवन की दूसरी मंजिल में लगी खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं जोकि इस शानदार भवन की खूबसूरती को दगादार करने का काम कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इन खिड़कियों की यही हालत रहती है तो नि:सन्देह कार्यालय की इस मंजिल में बैठने वाले कर्मचारियों को सर्द हवाओं के झौंकों का सामना करते हुए ठिठुरना पड़ सकता है।

ऐतिहासिक इमारत का वजूद रहे बरकरार 
राम कुमार, कोमल कुमार, अभिनव, मानव, अमर सिंह, केतन, ओम प्रकाश, हरप्रीत सिंह, चमन सिंह, केवल राम, अमन, महिंद्र कुमार, अजीत सिंह, शिव कुमार व लच्छो राम का कहना है कि समूचे जिले का विकास का दारोमदार डी.सी. कार्यालय पर रहता है लेकिन इस कार्यालय की अपनी ऐसी हालत होगी तो प्रशासन पर उंगली उठना लाजमी है। बेहतर है कि प्रशासन इन विषयों पर अपनी गंभीरता दिखाए ताकि यह ऐतिहासिक इमारत का वजूद बरकार रहे तो साथ ही यहां बैठने वाले कर्मचारी भी खुद को उपेक्षित महसूस न करें। वहीं डी.सी. चम्बा सुदेश मोख्टा ने कहा कि इस दिशा में शीघ्र प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।