स्पेन का la tomatina छोड़िए, सराज का Mud Festival देखिए (Watch Video)

Thursday, Aug 02, 2018 - 02:09 PM (IST)

बालीचौकी (दुनी चंद): देवता सुमुनाग व नगलवाणी के सम्मान में मनाया जाने वाला 5 दिवसीय सुमली मेला पारंपरिक प्रथाओं के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान देवलुओं ने अंतिम दिन कीचड़ में नृत्य कर देव परम्परा का निर्वहन किया। देवता के पुजारी गिरधारी लाल ने बताया कि सुमली मेला में देवलुओं द्वारा 10 किलोमीटर दूर से देवता के गुर द्वारा चयनित पेड़ को ढोल-नगाड़ों की थाप पर अश्लील गालियां निकालते हुए मंदिर परिसर तक लाया गया और वहां कीचड़ में नृत्य करते हुए इसे खड़ा किया गया, जो इस बात का गवाह रहता है कि देवता उस क्षेत्र में सुख-समृद्धि रखेगा। 


इस दौरान सैंकड़ों देवलुओं ने कीचड़ के साथ खेलते हुए देव परम्परा का निर्वहन किया और नाटी डाली। देवता के गुर नोक सिंह ने बताया कि यह मेला सदियों से मनाया जा रहा है, जिसमें इस प्रकार की परंपरा का निर्वहन किया जाता है, जो देवता को पसंद हो। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से देवता द्वारा चिन्हित पेड़ को लाया जाता है, वह देव प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा माना जाता है और इससे क्षेत्र में होने वाली बड़ी से बड़ी विपदा भी दूर हो जाती है और बुरी शक्तियों से देवता रक्षा करते हैं। 

Ekta