मैं 84 साल की उम्र में स्वस्थ हूं, पुनर्जन्म पर अभी न सोचें : दलाईलामा

Friday, Nov 29, 2019 - 08:08 PM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो): तिब्बत के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा है कि उनके पुनर्जन्म के मामले में अभी चर्चा की कोई जरूरत नहीं है। शुक्रवार को मैक्लोडगंज में 14वें बुद्धिस्ट सम्मेलन के समापन समारोह में तिब्बती लामाओं को संबोधित करते हुए दलाईलामा बोले-इस सम्मेलन में मेरे पुर्नजन्म के बारे में काफी चर्चा हुई है। मैं अभी 84 वर्ष का हूं और काफी स्वस्थ व मानसिक तौर पर प्रसन्न हूं इसलिए मेरे पुनर्जन्म पर चर्चा के लिए इतनी जल्दबाजी न करें। सर्वोच्च तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि हम सबको मिलकर विश्व की भलाई के लिए काम करना चाहिए। इस कार्य से हमें वास्तव में असीम प्रसन्नता हासिल होगी।

केवल मंत्रों का जाप ही पर्याप्त नहीं, अधिक से अधिक अर्जित करें ज्ञान

दलाईलामा ने कहा कि उन्होंने सभी तिब्बती संस्थानों से शिक्षा पर अधिक फोकस करने का आग्रह किया है। केवल मंत्रों का जाप ही पर्याप्त नहीं है, हमें अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करने पर ध्यान देना चाहिए। इस मौके पर निर्वासित तिब्बत सरकार के धर्म एवं संस्कृति मंत्री करमा गेलेक ने कहा कि तिब्बती बुद्धिज्म और बोन परंपरा पर आयोजित इस सम्मेलन में बुद्धिज्म के सभी सैक्टरों के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर धर्मगुरु दलाईलामा के पुनर्जन्म से जुड़े मुद्दे पर गहन चर्चा की। इसमें अन्य प्रतिभागियों के साथ बौद्ध धर्म के सभी 4 स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले 9 उच्च लामा शामिल हुए।

चीन के अधिकार को किया खारिज

सम्मेलन के दौरान सभी लामाओं ने सर्वसम्मति से दलाईलामा द्वारा चुने गए उत्तराधिकारी को तिब्बती बौद्धों द्वारा मान्यता देने का संकल्प पारित किया। साथ ही चीन द्वारा दलाईलामा का पुनर्अवतार तय करने के अधिकार को खारिज कर दिया गया।

Vijay