दलाईलामा बोले, विश्व शांति के लिए अमरीका है ग्लोबल लीडर

Thursday, May 11, 2017 - 12:40 AM (IST)

धर्मशाला: अमरीका दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यही कारण है कि विश्व शांति के लिए अमरीका ग्लोबल लीडर है। ये उद्गार बुधवार को मैक्लोडगंज के चुगलाखंग बौद्ध मठ में अमरीकी डैलीगेशन के सम्मान में आयोजित समारोह में तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अमरीका के डैमोक्रेटिक हाऊस की नेता नैंसी पेलोसी तिब्बती लोगों की सबसे लंबे समय की दोस्त व समर्थक रही हैं जो वर्तमान परिस्थितियों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। तिब्बत के भीतर तिब्बतियों के लिए एकजुटता के लिए अमरीका के वास्तविक समर्थन के लिए मैं डैलीगेशन के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं। 



चीन को तिब्बत में करना चाहिए मानवाधिकारों का सम्मान 
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि अमरीका का तिब्बत समर्थन किसी अन्य कारण से नहीं है लेकिन वह सच्चाई व न्याय की भावना से समर्थन कर रहा है जो हमारे संघर्ष की मुख्य शक्ति है। उन्होंने कहा कि चीन को तिब्बत में मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए। हम लोग यहां चीन के विरोध में एकत्रित नहीं हुए हैं बल्कि मानवाधिकार और न्याय की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब चीन के लोग भी इस बात को समझने लगे हैं और तिब्बत की स्वायत्तता का समर्थन करने लगे हैं। 

संघर्ष पर जीत हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका अहिंसा
उन्होंने कहा कि आक्रामकता, हिंसा और हथियार दुनिया के सामने आने वाली मानव निर्मित समस्याओं को हल नहीं कर सकते। उन्होंने अहिंसा के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए कहा कि हमारे सामने नई शताब्दी अहिंसा और वार्ता की चुनौती है। यही सब बातें मुझे मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि मेरे व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर मैं कह सकता हूं कि किसी भी संघर्ष पर जीत हासिल करने के लिए सबसे अच्छा तरीका अहिंसा का रास्ता अपना कर वार्तालाप ही है।



दलाईलामा दया, दृष्टि और आशा के मूर्तरूप : नैंसी पेलोसी
डैमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी ने कहा कि दलाईलामा दया, दृष्टि और आशा के मूर्तरूप हैं। नैंसी पेलोसी ने कहा कि हम आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। पेलोसी ने कहा कि अगर दुनिया तिब्बत में और चीन के अन्य हिस्सों में दमनकारी नीतियों के खिलाफ नहीं बोलती है तो दुनिया में कहीं भी मानवीय अधिकारों के बारे में बात करने का हम अपना नैतिक अधिकार खो देते हैं। उन्होंने कहा कि मैं तिब्बती मानवीय मूल्यों, संस्कृति, भाषा और धर्म के प्रति अपनी निष्ठा, दृढ़संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ दलाईलामा के नेतृत्व को स्वीकारती हूं जो कम से कम 113 वर्ष की आयु तक जीएंगे। 

तिब्बत में आत्मदाह करने वालों के लिए रखा 2 मिनट का मौन
इस अवसर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष डा. लोबसंग सांग्ये, तिब्बती संसद के स्पीकर खेंपो सोनम तेनफल सहित डैलीगेशन के प्रतिनिधि जिम मैक गर्वनए इलॉट एंजेल व भारतीय मूल की प्रोमिला जयपाल ने भी उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। समारोह के मध्य तिब्बत में आत्मदाह करने वाले तिब्बतियों की आत्मिक शांति के लिए 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित गीत व दलाईलामा को 80वें जन्मदिन की बधाई देते हुए गीत पेश किया।