क्रशर मालिकों ने अगवा कर व्यक्ति को पीटा, लोगों ने घेरा थाना

Wednesday, Jan 31, 2018 - 02:04 AM (IST)

इंदौरा (अजीज खादिम): पुलिस थाना इंदौरा के अंतर्गत चल रहे क्रशर उद्योग का कथित विवाद खत्म होने की बजाय अब और बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि मंड क्षेत्र में जो लोग क्रशर उद्योग का रास्ता रोकने में मुख्य भूमिका निभा रहे थे, उनमें से एक का आरोप है कि उसे क्रशर उद्योग के मालिकों ने पहले तो अगवा कर लिया, बाद में मारपीट कर फैंक दिया। इस घटना से मंड के लोग उग्र हो गए और सैंकड़ों लोग पुलिस थाना इंदौरा में पहुंचे और थाना का घेराव कर पुलिस व प्रशासन मुर्दाबाद की नारेबाजी की तथा आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़े रहे। घटना की सूचना मिलने पर विधायक रीता धीमान घायल व्यक्ति का कुशलक्षेम पूछने पहले तो सिविल अस्पताल पठानकोट पहुंची, फिर इंदौरा थाना में इक_े हुए लोगों को आरोपियों की कल तक गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।

जबरन गाड़ी में डालकर ले गए पठानकोट
मौके पर स्थिति बिगड़़ती देख पहुंचे एस.डी.पी.ओ. नूरपुर मेघराज चौहान ने बताया कि पूर्ण चंद शर्मा पुत्र भगवान दास निवासी मंड मियाणी अपने किसी निजी काम से इंदौरा आया हुआ था और वापसी पर वह एक अज्ञात मोटरसाइकिल से लिफ्ट लेकर जैसे ही टांडा मोड़ नामक स्थान पर पहुंचा तो वहां उक्त क्रशर उद्योग के कुछ लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया और जबरन गाड़ी में डालकर पहले तो उसे पठानकोट ले गए और फिर वापस लाकर नंगलभूर नामक स्थान पर उतार दिया। मौके से निकल रही एम्बुलैंस ने जब घायल पूर्ण चन्द को देखा तो तुरंत नंगलभूर पुलिस चौकी पंजाब को सूचित किया तथा पंजाब पुलिस ने घायल को पठानकोट के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया।

घायल व्यक्ति के बयान किए दर्ज
एस.डी.पी.ओ. मेघनाथ चौहान ने बताया कि घायल व्यक्ति पूर्ण चंद के बयान कलमबद्ध किए गए हैं जिसमें उसने क्रशर मालिकों सहित 8 व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। इन सभी आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 147, 148, 149, 365 व 323 के अंतर्गत मुकद्दमा दर्ज कर लिया है। घायल व्यक्ति की चिकित्सकीय जांच चल रही है। पुलिस के अनुसार शीघ्र ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अब और बढ़ सकता है क्रशर विवाद
जिस तरह से इस सारे घटनाक्रम का आरोप क्रशर उद्योग वालों पर लगाया जा रहा है, उससे मंड के लोगों का एक वर्ग क्रशर उद्योग वालों के खिलाफ हो गया है। ऐसे में क्रशर उद्योग वाले जो कानूनी लड़ाई लगभग पूरी तरह जीत ही चुके थे और कानूनी तौर पर समस्या हल होने के करीब थे लेकिन अब उन्हें वहां के लोगों का और अधिक विरोध का सामना करना पड़ सकता है।