अच्छे दाम मिलने के चक्कर में बागवान तोड़ रहे कच्चे फल

Sunday, Aug 12, 2018 - 03:39 PM (IST)

कुल्लू (धनी राम): कुल्लू जिला की सब्जी मंडियों में उत्तम किस्म का सेब 170 रुपए तक बिक रहा है। मंडियों में सेब के अच्छे दाम मिलने से बागवानों के चहरे खिल उठे हैं। वहीं कई बागवानों ने दिल्ली स्थित आजादपुर सब्जी मंडी में सेब की खेप भेजने की तैयारी कर ली है। 

बागवानों के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व आजादपुर सब्जी मंडी में सेब के अच्छे दाम मिल जाते हैं, जिसके चलते जिला की सबसे ज्यादा सेब पैदावार के लिए मानी जाने वाली ऊझी घाटी सहित अन्य इलाकों में बागवान सेब तुड़ान के कार्य में जुट गए हैं। हालांकि कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश भी हो रही है लेकिन इसकी परवाह किए बगैर कई बागवानोंं ने सेब तुड़ान कर पेटियों में पैक कर दिया है, वहीं कई घाटी के बागवान सेब के अधिक भाव मिलने के चक्कर में सेब कच्चे ही तोड़ रहे हैं, ऐसे में जहां सेब का सही दाम नहीं मिल पाता, वहीं सेब के पेड़ों को भी नुक्सान पहुंचता है। 

बागवानी विशेषज्ञों के मुताबिक कच्चा सेब तुड़ान करने से सेब के स्पर कमजोर हो जाते हैं और आगामी फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बागवानी विशेषज्ञों की मानें तो निचले इलाकों में अगस्त के अंतिम पखवाड़े का समय सेब तुड़ान के लिए उपयुक्त माना जाता है लेकिन कई बागवान अगस्त के पहले सप्ताह ही सेब तुड़ान कर देते हैं, जिससे सेब बगीचों मेंं आगामी फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

अच्छी ग्रेडिंग नहीं होने से सस्ते बिक जाते हैं सेब
घाटी के कई ऐसे बागवान भी हैं जो सेब की अच्छी ग्रेडिंग नहीं कर पाते जिससे सब्जी मंडियों में सेब के उचित दाम नहीं मिल पाते हैं। अक्सर देखने में आता है कि बागवान जल्दी के चक्कर में सेब की ए और बी गे्रड एक साथ क्रेटों मेंं भर देते हैं, वहीं कई बागवान बी और सी ग्रेड एक साथ भर देते हैं। बागवानों को चाहिए कि सेब की ग्रेडिंग क्रमबद्ध तरीके से करें ताकि बागवानों की खून-पसीने की कमाई का सही फल मिले। 


 

Ekta