करोड़ों रुपए के फर्म फर्जीवाड़े का मामला: हरियाणा में नहीं आरोपियों का क्रिमिनल रिकॉर्ड

Wednesday, Sep 19, 2018 - 04:26 PM (IST)

ऊना (विशाल): करोड़ों रुपए के फर्म फर्जीवाड़े के आरोपियों को हरियाणा पुलिस ने क्लीन चिट दी है। आरोपियों का कोई क्रिमिनल रिकार्ड हरियाणा पुलिस के पास नहीं पाया गया है। न ही आरोपियों के खिलाफ कोई शिकायत हरियाणा पुलिस के पास अब तक पहुंची है और न ही उनके खिलाफ हरियाणा पुलिस के पास कोई मामला दर्ज है। फर्म फर्जीवाड़े में ऊना पुलिस के पास दर्ज मामले में नामजद 3 आरोपियों में से 2 के रिकार्ड को पुलिस ने खंगालना शुरू किया और इस दौरान हरियाणा पुलिस से इनका क्रिमिनल रिकार्ड मांगा गया लेकिन हरियाणा पुलिस के पास इनका कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं मिला है। पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि हरियाणा में भी आरोपियों द्वारा धोखाधड़ी की ऐसी ही घटना को अंजाम दिया गया है लेकिन हरियाणा पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड न मिलने से इन कयासों पर विराम लग गया है।

ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बाद ए.टी.एम. से निकालते थे रुपए
फर्म के एक प्रतिनिधि के नाम पर ऊना में 3 अलग-अलग बैंकों में अकाऊंट खोले गए थे, जिनके जरिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से रुपए लिए जाते थे। इन खातों में से रुपए निकलवाने के लिए बाकायदा ए.टी.एम. कार्ड का प्रयोग किया जाता था। अपने खाते में ग्राहकों से ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर होने के बाद उन रुपयों को ए.टी.एम. के माध्यम से निकलवा लिया जाता था। उक्त तीनों अकाऊंट पुलिस ने पहले ही सीज कर रखे हैं और इनमें लगभग 18 लाख रुपए भी अभी तक पड़े हैं। पुलिस की अभी तक की जांच के अनुसार प्रारंभिक तौर पर पाया गया है कि अकाऊंट के माध्यम से लगभग 30 लाख रुपए की ट्रांजैक्शन की गई है। फिलहाल पुलिस इन खातों की बारीकी से जांच करने में जुटी हुई है।

जांच में जुटीं कई टीमें
पुलिस ने 3 मुख्य आरोपियों को एफ.आई.आर. में नामजद करने के बाद ही पुलिस ने एक एस.आई.टी. का गठन किया था और इस मामले की जांच में अब कई टीमें अपने-अपने स्तर पर जांच में जुटी हुई हैं। विभिन्न राज्यों में पुलिस की छापेमारियां चल रही हैं लेकिन अभी तक इन आरोपियों के रसोइए के सिवा कोई पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। हरियाणा में भी ऊना पुलिस ने छापेमारियां की हैं लेकिन अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। 

ऐसे होता था कारोबार
फर्म पिछले काफी माह से ऊना में कारोबार कर रही थी। फर्म द्वारा विशेष आई.डी. दी जाती थी और उसकी एवज में लगभग 3,000 रुपए लिए जाते थे। फर्म के एप के माध्यम से आई.डी. चलाकर कार्य करने पर प्रतिमाह 5,000 रुपए देने के दावे फर्म द्वारा किए गए थे। इस फर्म की फ्रैंचाइजी लेकर हजारों लोगों को फ्रैंचाइजी धारकों ने भी जोड़ लिया और लाखों रुपए इसमें इन्वैस्ट कर दिए। बाद में पुलिस जांच के दौरान तीनों प्रतिनिधि अचानक भूमिगत हो गए। फर्म से जुड़े लोगों की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया था।

Ekta