करोड़ों खर्च कर अस्पताल बनाया पर काम नहीं आया

Wednesday, Feb 22, 2017 - 03:51 PM (IST)

चंबा: करोड़ों रुपए की लागत से बना क्षेत्रीय चिकित्सालय का नया अस्पताल भवन सफेद हाथी बना हुआ है। 100 बिस्तरों वाले इस भवन में यूं तो सभी सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन महज चिकित्सकों व पैरामैडीकल स्टाफ की कमी के कारण इसमें रोगियों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इस स्थिति में मौजूद 200 बिस्तरों वाले अस्पताल में क्षमता से अधिक रोगी उपचार के लिए भर्ती है। महिला वार्ड की बात करें तो मंगलवार को इस वार्ड में एक-एक बिस्तर 3-3 महिलाएं उपचार के लिए भर्ती रही।


चिकित्सकों व पैरामैडीकल स्टाफ के पद चले हुए रिक्त
उधर, नए भवन में रोगियों को भर्ती नहीं करने के पीछे अस्पताल प्रबंधन इसका कारण अतिरिक्त चिकित्सकों के साथ-साथ अतिरिक्त पैरामैडीकल स्टाफ की कमी को बताता है। चूंकि मौजूद समय में क्षेत्रीय चिकित्सालय के लिए स्वीकृत चिकित्सकों व पैरामैडीकल स्टाफ के पदों में से कुछ रिक्त चले हुए हैं, ऐसे में मौजूद 200 बिस्तरों वाले अस्पताल परिसर में भर्ती होने वाले रोगियों को अपनी सेवा देने में भी यहां तैनात स्टाफ व चिकित्सकों को भारी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर नए अस्पताल भवन परिसर में भी रोगियों को भर्ती किया जाए तो फिर उनकी देखभाल व उपचार करना संभव नहीं होगा। अस्पताल प्रबंधन की इस बात में दम तो नजर आता है लेकिन यह बात भी सच है कि करोड़ों रुपए की लागत से बने इस नए अस्पताल भवन में अगर रोगी भर्ती नहीं किए जाएंगे तो फिर यह लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखता है।


31 जुलाई को मुख्यमंत्री ने किया था उद्घाटन
यही वजह है कि इस नए अस्पताल परिसर के सक्रिय न होने के चलते पुराने अस्पताल परिसर में एक-एक बिस्तर पर 3-3 रोगी उपचार के लिए भर्ती हैं। गौरतलब है बीते वर्ष 31 जुलाई को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कर कमलों द्वारा क्षेत्रीय चिकित्सालय चम्बा के 100 बिस्तरों वाले परिसर का उद्घाटन किया गया था। इस कार्य का श्रेय लेने में कांग्रेसी नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन अफसोस की बात है कि अभी तक इसे सही मायने में जनता की सेवा में प्रयोग नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इससे बेहतर होता कि सरकार इस नए अस्पताल भवन परिसर का उद्घाटन करने से पूर्व इसे जनता के लाभ हेतु प्रयोग करने की व्यवस्था करती।