सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हिमाचल में छिनेगी CPS की झंडी और गाड़ी

Friday, Jul 28, 2017 - 12:27 AM (IST)

शिमला: मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध ठहराने के संबंध में असम राज्य के लिए आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का असर आने वाले दिनों में भारत के सभी राज्यों में देखने को मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में राज्य मंत्री के समान सुख-सुविधाओं वाले सी.पी.एस. की नियुक्तियों को असंवैधानिक करार दिया है। हिमाचल प्रदेश में आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से 9 सी.पी.एस. को हटाने की संभावना बन गई है। वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 9 विधायकों को सी.पी.एस. बनाकर उन्हें राज्य मंत्रियों के समान सुख-सुविधाएं प्रदान कर रखी हैं।

सरकारी विभागों के कामकाज में नहीं कोई दखल
हालांकि सरकारी विभागों के कामकाज में इनका कोई दखल नहीं है परंतु मंत्रिमंडल का आकार छोटा होने के कारण वरिष्ठता, क्षेत्रीय और जातीय राजनीतिक समीकरणों के चलते इन्हें ये पद वीरभद्र सरकार ने दे रखे हैं। गगरेट के विधायक राकेश कालिया को भी सरकार बनने पर सी.पी.एस. बनाया गया था लेकिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सचिव बनने पर उन्होंने यह पद छोड़ दिया था जबकि घुमारवीं के विधायक राजेश धर्माणी सी.पी.एस. तो हैं लेकिन वह लंबे समय से न तो कार्यालय आ रहे हैं और न ही सरकारी गाड़ी का प्रयोग कर रहे हैं। 

सभी राज्यों को लागू करना होगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला 
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आने वाले दिनों में सभी राज्यों को लागू करना लाजिमी हो जाएगा। इससे बतौर सी.पी.एस. राज्य मंत्री के समान सुविधाओं का उपभोग करने वाले उक्त विधायकों को यह पद छोडऩा पड़ सकता है। पहले भी वीरभद्र सिंह की सरकार ने कई विधायकों को सी.पी.एस. और पी.एस. बनाया था लेकिन इन पदों के लिए कानूनन कोई प्रावधान नहीं किया गया और राज्य हाईकोर्ट के एक फैसले के तहत तब सभी विधायकों को इन पदों से हटा दिया गया था। उसके बाद वीरभद्र सिंह की सरकार ने इन नियुक्तियों के लिए एक एक्ट पारित किया था। इस बीच हुए सत्ता परिवर्तन के कारण भाजपा की सरकार ने अपने 3 विधायकों को सी.पी.एस. बनाया था लेकिन असम के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उसमें वहां की तत्कालीन सरकार द्वारा पारित किए गए एक्ट को भी असंवैधानिक करार दिया गया है।

इन्हें मिली है झंडी वाली गाड़ी
वर्तमान में विधायक नीरज भारती, राजेश धर्माणी, विनय कुमार, जगजीवन पाल, नंद लाल, रोहित ठाकुर, सोहन लाल ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल और मनसा राम सी.पी.एस. के पदों पर नियुक्त हैं। इन सभी विधायकों को मुख्यमंत्री के खुद और मंत्रियों के साथ विभागों में अटैच कर रखा है। इन्हें सचिवालय में कार्यालय, निजी स्टाफ, झंडी वाली गाड़ी और सरकारी आवास प्रदान कर रखे हैं।