18 मुद्दों के साथ चुनावी रण में उतरी माकपा, हर वर्ग को लुभाने का प्रयास

Thursday, Nov 02, 2017 - 07:45 PM (IST)

शिमला: माकपा ने 18 मुद्दों को सामने रखकर वीरवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया। माकपा ने विधानसभा चुनाव में हर वर्ग को लुभाया है। माकपा का कहना है कि पार्टी विधानसभा के अंदर सरकार पर दबाव डालकर जनहित की वैकल्पिक नीतियां को लागू करने के लिए एक मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेगी। आइए जानते हैं माकपा के इन 18 मुद्दों के बारे में।

अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
-राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए काम करना।
-जंगलों की रक्षा के लिए 1 हजार करोड़ रुपए प्रति वर्ष मुआवजा केंद्र से लेना।
-चंडीगढ़ से 7.19 प्रतिशत हिस्सा लेना।
-बिजली उत्पादन पर मिलने वाले डिस्ट्रैस कॉस्ट को बढ़ा कर 20 प्रतिशत करना व बिजली पर 10 फीसदी रॉयल्टी प्रति यूनिट लेना।
-सीमैंट व दूसरा माल जो प्रदेश से बाहर जाता है उस पर सैस लगाना।

रोजगार व मजदूर वर्ग
-न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए करना।
-सभी स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित करना। आंगनबाड़ी, मिड-डे मील, आशा वर्कर व अन्य तरह के सभी वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना। 
-मनरेगा व दैनिक भोगियों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से जोडऩा व पंजीकरण करना।
-रोजगार को सामाजिक सुरक्षा में शामिल करना।
-सभी को पक्का रोजगार देना।
-सभी कर्मचारियों को  ई.पी.एफ., ई.एस.आई. व मैडीकल तथा पैंशन सुविधों से जोडऩा।
-सभी प्रकार की भर्तियों को नियमित करना।

युवा वर्ग के लिए
-रोजगार मिलने तक नौजवानों को 3 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देना।
-हिमाचलियों को औद्योगिक नौकरियों में 70 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करना।

कर्मचारी व पैंशनर्स के लिए
-कर्मचारियों को 4-9-14 टाइम स्केल देना।
-आवास भत्ते को मूल वेतन से 10 प्रतिशत के हिसाब से देना।
-मई 2003 के बाद लगे कर्मचारियों को पुरानी पैंशन स्कीम बहाल करना।
-करूणामूलक आधार पर नौकरियां देना।
-सभी विभागों में नियमित भर्तियां करना।
-हिमाचल परिवहन निगम को रोडवेज बनाना।
-सभी ठेका व आऊटसोर्स कर्मियों को नियमित करना।

कृषि व बागवानी
-कृषि व बागवानी में सार्वजनिक निवेश बढ़ाना।
-सभी फसलों व फलों का समर्थन मूल्य लागत का डेढ गुणा देना।
-सस्ता कृषि ऋ ण दिलवाना व को-आप्रेटिव को बढ़ावा देना।
-किसानों व बागवानों को हेलनैट, कृषि व बागवानी उपकरणों पर 90 प्रतिशत उपदान देना।
-सभी फसलों का बीमा करना।
-जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए बंदरों का निर्यात करवाना व वैज्ञानिक कलिंग करना।
-बेसहारा पशुओं के लिए लोगों की भागीदारी से ठोस नीति बनाना।

भूमि
-किसानों के कब्जे में 5 बीघा जमीन मुफ्त में नियमित करना।
-घर बनाने के लिए गांव में 3 व शहर में 2 विस्वा जमीन देना।

शिक्षा क्षेत्र
-रूसा को समाप्त करना।
-छात्र संघ के प्रत्यक्ष चुनाव करवाना।
-शिक्षकों व अन्य स्टाफ  के पदों को भरना।
-शिक्षा के निजीकरण को रोकना।
-कालेजों व विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को वापिस लेना।

स्वास्थ्य 
-सार्वजनिक निवेश को बढ़ाना।
-डाक्टरों व स्टॉफ  की कमी को पूरा करना।
-जीवन रक्षक दवाओं को मुफ्त में देना।
-रोगी कल्याण समिति व आऊटसोर्स कर्मियों को नियमित करना।

खाद्य सुरक्षा
-सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण करना।
-सभी परिवारों को प्रतिमाह 35 किलो राशन देना।
-राशन की दुकानों व डिपुओं को मजबूत करना।
-गैस सब्सिडी को पुन: बहाल करना।

महिलाओं के लिए 
-महिलाओं को शैक्षणिक, आर्थिक व कानूनी तौर पर मजबूत करना।
-महिला सुरक्षा को सख्ती से लागू करना।
-महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करना।
-कामकाजी महिलाओं के लिए होस्टल सुविधा देना।

सामाजिक न्याय
-शिक्षा व रोजगार में दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यकों को अवसरों में समानता।
-शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए नौकरियों में आरक्षण तथा खाली पदों को भरना।
-मानव अधिकार कमीशन का गठन करना।

सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार
-भ्रष्टाचार रोकने के लिए लोकायुक्त एक्ट में संशोधन करके लोकहित में बदलना। इसके लिए अपनी जांच एजेंसी तथा पुलिस फोर्स का प्रावधान करना।
-नशे की समस्या वनशा माफिया के खिलाफ  उचित व सख्त कार्रवाई करना।

व्यापारी वर्ग
-व्यापारियों के अधिकारों को बचाने के लिए एक स्टेचुटरी बोर्ड का गठन करना।
-छोटे दुकानदारों को बिना ब्याज के लोन की व्यवस्था करना।
-दुकानों व व्यापारिक घरानों में कार्यरत कर्मियों के लिए जॉब सिक्योरिटी का प्रावधान करना।
-जी.एस.टी. में व्यापारी विरोधी प्रावधानों को बदलना।

आधारभूत ढांचा
-प्रदेश में सड़कों, टनलों का निर्माण व रखरखाव करना।
-पीने का पानी व सिंचाई का उचित प्रबंध करना।
-रेलवे के विस्तार के लिए काम करना व केंद्र पर इसके लिए दबाव बनाना।

पर्यटन क्षेत्र
-प्रदेश में उचित बुनियादी ढांचे का गठन करना।
-पर्यटन निगम को मजबूत करना।
-नौजवानों को प्र्यटन के तहत विषेष प्रशिक्षण देना।
-होम स्टे को बढ़ावा देना।

उद्योग व सरकारी क्षेत्र के उपक्रम
-कृषि बागवानी पर आधारित छोटे व मध्यम उद्योगों को बढ़ावा व प्रोत्साहन देना।
-केंद्र से औद्योगिक पैकेज दिलवाने के लिए संघर्ष करना।
-सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान कर उनको मजबूत करना।

पंचायतीराज, नगर परिषद व नगर निगम
-इनको मजबूत व सशक्त करना व उनको वित्तीय व प्रशासनिक शक्तियां हर स्तर पर देना।