‘गाय’ के भी गर्भवती महिलाओं की तर्ज पर बन रहे ‘हैल्थ कार्ड’

Thursday, Aug 30, 2018 - 01:08 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र हेटा): प्रदेश में गर्भवती महिलाओं की तर्ज पर गाय के भी ‘हैल्थ कार्ड’ बनने शुरू हो गए हैं। इनमें वो तमाम जानकारी उपलब्ध होगी, जो गर्भवती महिलाओं के मदर आई.डी. कार्ड की होती है। गाय की कब ए.आई. (कृत्रिम गर्भाधारण), टीकाकरण, कब बच्चा पैदा हुआ, बछड़ा या बछड़ी जन्मी, गाय को कब-कब कौन सी बीमारी हुई यह सब जानकारी हैल्थ कार्ड में रहेगी। गाय के अलावा अन्य पशुओं के भी कार्ड बनाए जाएंगे। इनमें पशुओं को यूनिक आइडैंटिफिकेशन नंबर दिया जाएगा, जिससे उनकी पहचान होगी। पशुपालन विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। प्रथम चरण में ‘हैल्थ कार्ड’ उन गाय के बनाए जा रहे हैं जिनकी ए.आई. की जा रही है। इसके बाद प्रदेशभर में पशु जनगणना शुरू करके सभी पशुओं के कार्ड बनाए जाएंगे।

पशुपालन विभाग प्रदेशभर के पशुओं का डाटा बैंक तैयार कर रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति अपने पशुओं को बेसहारा न छोड़ सके। विभाग को यह भी मालूम होगा कि प्रदेश में कौन-कौन सी नस्लों के दुधारूपशु मौजूद हैं। प्रदेशभर में सभी पशुओं के कार्ड बन जाने के बाद कोई भी व्यक्ति आसानी से अपने पशुओं को आवारा नहीं छोड़ पाएगा। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता को खत्म करने के लिए बनाए गए कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। शिमला के साथ लगती जलैल पंचायत के बगैरी गांव के इंद्र सिंह ठाकुर ने विभाग की इस योजना की प्रशंसा की है।

प्रदेश में 40 हजार बेसहारा पशु
प्रदेश में इस वक्त 40 हजार से ज्यादा बेसहारा पशु हैं। नई पशु जनगणना में इनके बहुत ज्यादा बढऩे की उम्मीद है। प्रदेश में आवारा पशु न केवल किसानों की फसलों को नुक्सान पहुंचाते हैं बल्कि बहुत बार सड़क किनारे हादसों का भी कारण बनते हैं। सॢदयों में खासकर ऊंचे क्षेत्रों में सैंकड़ों बेजुबान बर्फ और ठंड से दम तोड़ देते हैं, ऐसे में हैल्थ कार्ड योजना इन समस्याओं से निजात दिलाएंगी।
 

Ekta