जाली अनिवार्यता प्रमाण पत्र देना पड़ा महंगा, कोर्ट ने सुनाई कैद व जुर्माने की सजा

Wednesday, May 09, 2018 - 01:05 AM (IST)

नालागढ़: न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी जितेन्द्र कुमार की अदालत ने अनिवार्यता प्रमाण पत्र के जाली पाए जाने पर आरोपी प्रदीप कुमार तुली व महेन्द्र कुमार जैन को दोषी मानते हुए विभिन्न धाराओं के तहत कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। सहायक जिला न्यायवादी नालागढ़ गौरव अग्निहोत्री ने बताया कि यह मुकद्दमा बरोटीवाला थाने में 17 नवम्बर, 2006 को इंडस्ट्री डिपार्टमैंट की शिकायत पर आरोपी प्रदीप कुमार तुली पुत्र सुरेन्द्र नाथ तुली निवासी सोलन व महेन्द्र कुमार जैन पुत्र मांगे लाल जैन निवासी वैस्ट मुंबई के खिलाफ दर्ज किया गया था।


कंपनी के पक्ष में जारी हुआ अनिवार्यता प्रमाण पत्र
मामले के अनुसार काठा स्थित एक कंपनी के पक्ष में अनिवार्यता प्रमाण पत्र जारी हुआ था जोकि धारा-118 की स्वीकृति के लिए जरूरी था। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में यह अनिवार्यता प्रमाण पत्र जाली पाया गया। इस पर आरोपियों को दोषी मानते हुए अदालत ने धारा-420 आई.पी.सी. के तहत 3 वर्ष की कारावास और 8,000 रुपए जुर्माना और धारा 467 व 468 के तहत 3-3 वर्ष की कारावास और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। धारा 471 के तहत 2 वर्ष कैद और 5,000 रुपए जुर्माना तथा धारा-120 बी के तहत 6 माह की कैद और 5,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जिला न्यायवादी गौरव अत्री ने बताया कि ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

Vijay