नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म के दोषी फूफा को कोर्ट ने सुनाई ये कठोर सजा

punjabkesari.in Saturday, Aug 28, 2021 - 09:28 PM (IST)

मंडी (रजनीश): मंडी जिला के पद्धर उपमंडल की एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के दोषी फूफा को फास्ट ट्रैक (पोक्सो) कोर्ट मंडी ने कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 3 अलग-अलग धाराओं में 42 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि न भरने पर उसे 1 वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास व 2 माह का साधारण कारावास काटना होगा। पीड़िता को 20 हजार रुपए हर्जाना देना होगा। आरोप सिद्ध करने के लिए अभियोजन पक्ष की तरफ से अदालत में 18 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए गए थे। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक (पोक्सो) कोर्ट पंकज शर्मा ने दोषी राम लाल निवासी परोटा डाकघर पदवाहण तहसील पद्धर जिला मंडी को शनिवार को यह सजा सुनाई है।

बता दें कि दोषी के विरुद्ध 19 सितम्बर, 2015 को थाना पद्धर में नाबालिग लड़की की शिकायत पर पोक्सो अधिनियम व जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला दर्ज हुआ था। दोषी रामलाल का घर पीड़िता के घर से कुछ दूरी पर है। दिसम्बर, 2014 को उसने कुछ सामान देने के बहाने पीड़िता को अपने घर बुलाया था। पीड़िता उस समय 8वीं कक्षा की छात्रा थी। पीड़िता सामान लेने पहुंची तो दोषी घर में अकेला था। वह उसे अपने साथ कमरे में ले गया और दरवाजे को कुंडी लगाने के बाद उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे डाला। इसके बाद उसने पीड़िता को मुंह बंद रखने के लिए जान से मारने की धमकी दी थी। उसने कहा था कि जब भी वह फोन पर बुलाए चुपचाप उसके घर चले आना। यह सिलसिला 4-5 माह तक चलता रहा। कुछ माह बाद माहवारी बंद होने की बात पीड़िता ने दोषी को बताई तो उसने दवाई लाकर देने की बात कही थी लेकिन दवाई नहीं लाई और कोई लड़का देख उससे शादी करने का दबाव बनाया।

पीड़िता ने अपने जीजा के रिश्तेदार से शादी कर ली। शादी के बाद वह 3 माह तक ससुराल में रही। इसके बाद वह मायके आई। यहां उसने 20 अगस्त, 2015 को बेटे को जन्म दिया। बेटा पैदा होने के 4 दिन बाद उसकी बुआ उनके घर एक दंपति के साथ आई और बेटा उनको गोद दे दिया। बदले में 5,000 रुपए दिए। उसके ससुराल पक्ष को बच्चा पैदा होने का पता चलने पर मामले का खुलासा हुआ। पीड़िता ने इसके बाद अपने फूफा के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई और पद्धर पुलिस ने रामलाल को गिरफ्तार कर मामले की जांच की। मामले की सत्यता जाने के लिए डीएनए जांच करवाई तो  उसमें बच्चा रामलाल का पाया गया था। जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया था। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी तत्कालीन जिला न्यायवादी भीमानंद शांडिल, उपजिला न्यायवादी भीष्म चंद, नवीन चंद्र, जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम व विशेष लोक अभियोजक पोक्सो अदालत विनोद चौधरी ने की। अदालत में आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध हुआ, जिसके बाद उसे उक्त सजा सुनाई गई है।


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Content Writer

Vijay

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