मंदिर के बाहर आपत्तिजनक सूचना दर्शाने पर बाबा को 1 साल की सजा

Wednesday, Oct 24, 2018 - 09:14 PM (IST)

बिलासपुर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिलासपुर बहादुर सिंह की अदालत ने बाबा केवल पुरी व हरकेवल सिंह को दोषी ठहराते हुए एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत एक-एक साल की सजा और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। उप जिला न्यायवादी लोक अभियोजक बिलासपुर उमेश कुमार ने बताया कि जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषियों को एक-एक महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। वहीं पुलिस प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया था। 

जाति के आधार पर मंदिर जाने से रोके जाते थे श्रद्धालु
गौरतलब है कि जाति के आधार पर श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने से रोकने और मंदिर के बाहर आपत्तिजनक सूचना दर्शाने पर गत 3 अक्तूबर को माननीय विशेष न्यायाधीश बिलासपुर की अदालत ने आरोपी बाबा केवल पुरी और अन्य व्यक्ति हरकेवल सिंह को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम की धारा 3 के तहत दोषी ठहराया था, जिसके बाद सजा का फैसला सुनाने के लिए 24 अक्तूबर का दिन मुकर्रर किया गया था। 

क्या था मामला
27 जनवरी, 2012 को कोट थाना बिलासपुर में तुलसी दास बंसल ने एफ.आई.आर. दर्ज करवाई की थी कि 24 जनवरी, 2012 को जब वह अपने कुछ अन्य साथियों के साथ महाबलि मंदिर खैरियां में प्रवेश कर रहा था तो बाबा केवल पुरी और हरकेवल सिंह ने उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका था और मंदिर की दीवारों पर लिखा हुआ था कि शूद्रों का प्रवेश मंदिर में निषेध है। तुलसी दास बंसल की शिकायत पर कोट थाना में एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया, जिसके बाद पुलिस थाना कोट द्वारा मामले की जांच की गई और अदालत में बाबा केवल पुरी और हरकेवल सिंह के खिलाफ  चार्जशीट दाखिल की। जिला न्यायवादी संदीप अत्री ने सरकार की ओर से इस मामले में पैरवी की। अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह अदालत में पेश किए गए। वहीं बचाव पक्ष की ओर से भी 4 गवाह पेश किए गए। 

Vijay