नाबालिग लड़की को घर से भगाने और दुष्कर्म के दोषी को कठोर कारावास

Saturday, Jul 28, 2018 - 11:01 PM (IST)

धर्मशाला: न्यायधीश राजेश तोमर की विशेष अदालत ने नाबालिग लड़की को घर से भगाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का दोष सिद्ध हो जाने पर दोषी को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने दोषी को 30 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं। उप जिला न्यायवादी कपिल देव शर्मा ने बताया कि 11 दिसम्बर, 2013 में पुलिस थाना धर्मशाला में दर्ज हुए मामले में एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग बेटी को उन्हीं का पड़ोसी अजय कुमार भगाकर ले गया। पुलिस ने मामला दर्ज करके कई स्थानों पर दबिश दी।


15 दिसम्बर, 2013 को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि अजय उक्त लड़की को लेकर श्यामनगर की ओर जा रहा है। पुलिस ने मौके पर जाकर दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद लड़की की मां की सहमति के बाद पुलिस ने युवक और लड़की का मैडीकल करवाया गया।  तथा नाबालिग लड़की के बयान भी उसकी मां की मौजूदगी में दर्ज किए गए। इस दौरान यह भी सामने आया कि दोषी ने लड़की के साथ शारीरिक संबंध भी बनाए हैं, जिसकी पुष्टि मैडीकल और फ ौरेंसिक रिपोर्ट में भी हुई। इसके बाद पुलिस ने लड़की के स्कूल से उसकी जन्मतिथि का रिकॉर्ड प्राप्त किया, जिसमें लड़की की जन्मतिथि 13 अक्तूबर, 1997 पाई गई। एक्स-रे और डैंटल रिपोर्ट में भी लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम दर्शाई गई, जिस पर पुलिस ने दोषी के खिलाफ  पोक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया।


उपजिला न्यायवादी ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 13 गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयानों और पुलिस द्वारा उपलब्ध करवाए गए साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोषी को आई.पी.सी. की धारा 363 के तहत 3 वर्ष साधारण कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा नहीं करने की सूरत में दोषी को 6 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। अदालत ने 6 पोक्सो एक्ट के तहत दोषी को 10 साल कठोर कारावास और 30 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। इसके अलावा जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर दोषी को 1 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भी भुगतना होगा।

Vijay