निगम के एक करोड़ पर लोगों ने मारी कुंडली

Sunday, Dec 11, 2016 - 02:42 PM (IST)

चंबा: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम चंबा के 1 करोड़ 73 लाख रुपए पर लोगों ने कुंडली मार रखी है। उपरोक्त वर्गों से संबंधित 2 हजार 54 लोगों ने अपने आप को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए स्वरोजगार की मुख्यधारा से खुद को जोड़ने के लिए यह ऋण निगम की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्राप्त किए थे। अपनी ऋण राशि को चुकता करने में अब ये ऋण धारक रुचि नहीं दिखा रहे हैं, ऐसे में हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम ने अपनी इस फंसी हुई ऋण राशि को ब्याज सहित वसूलने के लिए कड़ा रुख अख्तियार किया है। 


निगम के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो चालू वित्तीय वर्ष के निर्धारित लक्ष्य में से महज चंद राशि वसूलने में ही विभाग को कामयाबी हासिल हुई है। जानकारी के अनुसार निगम ने अभी तक महज 5 लाख 28 हजार रुपए की राशि ही वसूली है। निगम के कर्मचारियों की मानें तो इसका कारण यह है कि निगम के ऋण धारक निगम की चेतावनी व नोटिस को गंभीरता से नहीं लेते हैं। 


निगम कैसे करेगा लोगों की मदद 
गौरतलब है कि हिमाचल सरकार द्वारा समाज के पिछड़े व कमजोर वर्गों के विकास हेतु गंभीर है और इसी के चलते उसने प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार के साथ जोडऩे के लिए निगम की स्थापना की है लेकिन निगम की इतनी बड़ी राशि अगर वर्षों तक लोगों के पास फंसी रहेगी तो निगम किस प्रकार से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम हो सकेगा।


निगम मामलों को अदालत में भेजने पर कर रहा विचार  
निगम के अनुसार उसने 17 मामलों को अदालत में भेजा है। इन मामलों में 13 मामले चम्बा से, 2 पांगी व 2 मामले भरमौर से संबंधित हैं। इन 17 मामलों में निगम को 22 लाख 5 हजार की ऋण राशि वसूल करनी है, वही 1937 ऋण धारकों से उसने 78 लाख 47000 रुपए वसूलने हैं। हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम की मानें तो यह धनराशि वर्षों से ऋण धारकों के पास फंसी पड़ी है। निगम अब इन मामलों में से कुछ और मामलों को अदालत में भेजने पर विचार कर रहा है।