कोरोना वायरस: धर्मशाला में तिब्बतियन चिल्ड्रन स्कूल में 2 माह की छुट्टी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 04, 2020 - 04:24 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर एहतियात बरती जा रही है। हालांकि वायरस को लेकर लोगों में डर भी देखा जा रहा है। मनाली, शिमला और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों पर खासी नजर है, क्योंकि सूबे के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती सरकार चलती है और यहां बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का भी निवास है।

यहां बड़ी संख्या में चीन और तिब्बत के अलावा, दूसरे देशों के भी विदेशी टूरिस्ट आते हैं, इसलिए कोरोना वायरस के खतरे को भांपते हुए एहतियात के तौर पर निर्वासित तिब्बत सरकार की ओर से संचालित तिब्बतियन चिल्ड्रन विलेज्स (टीसीवी) ने अपने स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। हालांकि सर्दियों की दो माह की छुट्टियां खत्म होने के बाद मंगलवार को टीसीवी के स्कूल खुलने थे। शरणार्थी तिब्बती अपने बच्चों को स्कूलों तक लेकर गए, लेकिन स्कूल पहुंचने पर पता चला कि टीसीवी स्कूलों ने कोरोनावायरस के खतरे के चलते स्कूलों को नए आदेशों तक बंद करने का निर्णय लिया है। 
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कोरोनावायरस को लेकर तिब्बती शरणार्थी ज्यादा एहतियात बरत रहे हैं. धर्मगुरु दलाईलामा ने पहले ही अपनी सभी टीचिंग अनिश्चितकाल के लिए रद्द करने का निर्णय लिया है. मैकलोडगंज में अधिकतर तिब्बती मास्क लगाकर घूम रहे हैं। धर्मशाला के मैकलोडगंज में कई वर्षों से रह रही विदेशी मेहमान पर्यावरणविद् गजाला अब्दुल्ला ने कहा कि वह गोपालपुर स्थित टीसीवी स्कूल में गोद लिए चार तिब्बती बच्चों को दो माह की छुट्टियां खत्म होने के बाद छोड़ने गई थी, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कहा कि कोरोनावायरस के खतरे के चलते प्रबंधन ने स्कूल को दो माह के लिए बंद करने का निर्णय लिया है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में करोना वायरस को कोई मामला सामने नहीं आया है. बीते माह 145 के करीब लोग कोरोना प्रभावित देशों से घर लौटे थे। लेकिन अब तक हिमाचल में कोरोनावायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, मंगलवार को एक संदिग्ध युवक को शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया है. युवक 29 फरवरी को नॉर्थ कोरिया की यात्रा कर भारत लौटा था।


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kirti

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