कोरोना का कर्मवीर: नवजात बेटे की मौत पर पत्नी को गले तक नहीं लगा पाया पुलिस जवान

punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 03:55 PM (IST)

नाहन(सतीश): देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें पढ़ते आए हैं कि कोरोना के कर्मवीर कैसे ड्यूटी निभा रहे हैं। ऐसा ही उदाहरण हिमाचल के नाहन में भी देखने को मिला है, जहां एक पुलिसकर्मी की दुख भरी दास्तां सामने आई है। कांस्टेबल अर्जुन सिंह के बारे में आप जानकर यह मानने पर विवश हो जाएंगे कि लोगो का जीवन बचाने के लिए कैसे कर्मवीर परिवारों को छोड़कर ड्यूटी निभा रहे हैं। नाहन पुलिस के कांस्टेबल अर्जुन ने ड्यूटी के प्रति अपने समर्पण की मिसाल पेश की है। कांस्टेबल अर्जुन की गर्भवती पत्नी सुमन करीब 120 किलोमीटर दूर शिलाई में प्रसव पीड़ा से कराह रही थी, लेकिन कोरोना का कर्मवीर ड्यूटी छोड़कर नहीं जा सकता था। कांस्टेबल की पत्नी को शिलाई से नाहन रैफर कर दिया गया।
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दुखों का पहाड़ उस समय टूट गया जब मासूम ने मां की कोख में जन्म लेने से पहले ही दम तोड़ दिया था कांस्टेबल अर्जुन ना तो नवजात के अंतिम संस्कार में हिस्सा ले सकता था और ना ही पत्नी को गले मिलकर दिलासा दे सकता था। दरअसल चंद रोज पहले सिरमौर में कोरोना पॉजीटिव पाए गए एक जमाती को बद्दी छोड़ना था। अर्जुन भी उस टीम में शामिल थे जो रोगी को लेकर बद्दी गई थी। लिहाजा कुछ समय तक परिवार से दूरी बनाने की हिदायत मिली हुई है। अर्जुन की पत्नी के साथ अस्पताल में मौजूद रही अर्जुन की बहन वदना सिंह ने बताया कि शुरू से ही उनसे दूरी बनाए रखी और वह अपनी पत्नी सहित परिवार के किसी भी सदस्य से नहीं मिल पाए। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर परिवार को उनकी जरूरत थी खासकर उनकी पत्नी को मगर उन्होंने सामजिक दूरी रखना बेहतर समझा और ड्यूटी पर तैनात रहे।

गांव के लोगों ने ही नवजात का अंतिम संस्कार किया हालांकि इस दौरान यहाँ खुद अर्जुन मोजूद थे और दूर से ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को देखते रहे इसके बाद वापिस नाहन लौट आए। हालांकि विभाग ने इस दुख की घड़ी में कांस्टेबल अर्जुन की छुट्टी स्वीकृत कर दी है, मगर वह गांव में जाने के बाद भी आइसोलेट ही रहेंगे। अर्जुन के ससुर कुंभराम ने बताया कि ऐसे समय में उनकी बेटी को अपने पति की जरूरत थी मगर अर्जुन ने सामाजिक दूरी और ड्यूटी को प्राथमिकता समझा जिस बात पर उन्हें भी गर्व है। कुल मिलाकर आज कांस्टेबल अर्जुन के इस दुख की घड़ी में प्रदेश के हर एक व्यक्ति को खड़ा होना चाहिए। कांस्टेबल अर्जुन सिंह अपनी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी को लेकर पहले भी कई बार सुर्ख़ियों में आए है।
 


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kirti

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