कोरोना संक्रमित मरीजों को नहीं मिल रही है दवाई

Thursday, Apr 29, 2021 - 11:06 AM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो) : जिला कांगड़ा में जहां कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है, तो वहीं सरकार और प्रशासन के कोरोना संक्रमितों को घर में ही इलाज के दावे हवा हवाई होते दिख रहे हैं। हालात यह हैं कि कोरोना मरीजों को सरकार की ओर से इलाज के लिए किट मुहैया करवाना तो दूर पी.सी.एम. की गोली तक नहीं दी जा रही है। जिला के कांगड़ा शहर की बात करें तो यहां भी कोरोना के मामले तेजी पकड़ते जा रहे हैं। मरीजों को टेस्ट के बाद पॉजिटिव आने पर तुरंत बिना कोई दवा दिए घर भेजा हा रहा है, मगर इसके बाद उन्हें सिर्फ फोन पर ही आशा वर्कर और डॉक्टर की सलाह मिल रही है, मगर दवा नहीं दी जा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों में से एक ने बताया कि वह उनकी पत्नी और दो बच्चे कोरोना पॉजिटिव आए हैं। उनके टेस्ट हुए दूसरा दिन भी बीत गया है, मगर अभी तक उन्हें ईलाज के लिए दवाई नहीं दी गई है।

इस संबंध में आशा वर्कर से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि उसके पास दवा ही नहीं पहुंची है, तो वह क्या दे। इसके बाद जब उन्होंने चिकित्सक से संपर्क किया तो उन्होंने दवाई लिखवा दी। अब दिक्कत यह है कि बाजार से दवा लाए कौन। उधर, एक अन्य परिवार को भी यही हाल है। इस परिवार के भी अधिकतर सदस्य कोरोना पॉजिटिव हैं। इस परिवार को भी दूसरे दिन कोई भी दवाई देने नहीं आया है। इन दोनों परिवारों का कहना है कि उन्हें घर पर ही क्वारंटिन होने को कहा गया है, ऐसे में अगर वे दवाई देने बाजार जाएंगे तो इससे संक्रमण और फैलेगा। इसी तरह कुल मिलाकर सरकार और प्रशासन के कोरोना संक्रमण को रोकने और संक्रमितों को घर पर ही इलाज करने के दावे असल में झूठे ही साबित हो रहे हैं। इतना ही नहीं इन परिवारों को ऑक्सीजन की जांच के लिए ऑक्सीमीटर तक नहीं मिल रहे हैं। बाजार में या तो ये उपलब्ध नहीं है, या फिर मनमाने दाम मांगे जा रहे हैं। 

कांगड़ा सीएमओ डाॅ. गुरूदर्शन गुप्ता ने कहा कि शहरों में हमें यह दिक्कत हो रही है कि कोरोना संक्रिमत मरीजों को दवाई नहीं उपलब्ध हो पा रही है। गांव में आशा वर्कर होने के चलते गांव में दवाई को संक्रमितों तक पहुंचा दिया जा रहा है। यदि दवाई न मिलने कहीं कोई मामला आ रहा है तो स्वास्थ्य विभाग तुरंत दूसरी जगह से दवाई मरीजों तक पहुंचा रहा है। 
 

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prashant sharma