कोरोना ने पकड़ी रफ्तार, सूने पड़े बाजार, दुकानदार परेशान

Friday, Apr 30, 2021 - 10:25 PM (IST)

बिलासपुर (बंशीधर): जिला में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे कोरोना के मामलों से लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है और लोगों के घरों से बाहर निकलने की आमद काफी कम हो गई है जिससे शहरों में सन्नाटा छाने लगा है इससे व्यापार पर भी काफी असर पड़ने लगा है। जिला में पिछले 3 दिनों के अंदर 500 के करीब कोरोना संक्रमित आए हैं, जिससे लोगों में डर बैठ गया है और लोगों ने बेवजह घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है, वहीं सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ को बुलाने के लिए जारी किए गए निर्देश और शिक्षण संस्थानों के बंद होने से शहरों की रौनक समाप्त हो गई है तथा इसका असर न केवल व्यापार पर पड़ा है बल्कि बसों में भी सवारियों की कमी हो गई है जिस कारण निजी बस संचालकों को भी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार शादी समारोहों में लगाई गई पाबंदियों ने तो कपड़ा, जूता, मनियारी, सुनार व ब्यूटी पार्लर तथा प्रिंटिंग प्रैस के काम को बुरी तरह प्रभावित किया है। जानकारी के अनुसार बंदिशों से व्यापार में 50 से 60 प्रतिशत तक असर पड़ गया है तथा केवल करियाना व सब्जी का व्यापार ही मौजूदा समय में ठीक चल रहा है।

क्या कहते हैं व्यापारी

कपड़ा व्यापारी पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि हालात तो पिछले एक साल से खराब चल रहे हैं। पिछले 2-3 महीनों से व्यापार पटरी पर आने लगा था लेकि न पिछले कुछ दिनों से इस महामारी द्वारा विकराल रूप धारण करने से सरकार ने कुछ बंदिशें लगाई हैं जिसके तहत शादी समारोहों में निर्धारित लोगों को ही शामिल होने की इजाजत है। इस कारण शादी के लिए कपड़े की खरीददारी अब केवल नाममात्र ही हो रही है। शादी वाले परिवार अब केवल उसी हिसाब से कपड़ा खरीद रहे हैं जबकि अन्य लोग कपड़ा नहीं खरीद रहे हैं क्योंकि बंदिशों के कारण शादियों में केवल गिने-चुने लोग ही भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव का ग्राहक तो शहर आ ही नहीं रहा है।

एक भी पैसा कमाए बिना जाना पड़ रहा घर

ब्यूटी पार्लर का काम करने वाले दीवान चंद अत्री ने बताया कि शादियों के लिए कुछ लोगों ने बुकिंग करवाई थी लेकिन लोगों की संख्या सीमित होने के कारण व कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते उन्होंने बुकिंग को रद्द कर दिया है। सुनार का काम करने वाले राजकुमार ने बताया कि पहले शादियों व धार्मिक आयोजनों के लिए लोग सोने व चांदी के जेवर खरीदते थे लेकिन अब लोग सीमित मात्रा में ही जेवर खरीद रहे हैं जिस कारण उनका व्यवसाय नाममात्र का ही रह गया है। लोगों के बाजारों में न आने के कारण कई बार तो बिना एक भी पैसा कमाए घरों को जाना पड़ रहा है। मनियारी विक्रेता विजय पाल ने बताया कि शादियों में लगी बंदिशों के कारण मनियारी की दुकानदारी भी प्रभावित हुई है। पहले शादियों के लिए महिलाएं जमकर खरीददारी करती थीं लेकिन अब महिलाएं केवल जरूरत का ही सामान ले रही हैं। उन्होंने बताया कि मनियारी की दुकानदारी तो महिलाओं की खरीददारी पर ही आधारित है लेकिन अब महिलाएं शादियों के अवसर पर चूड़ियां आदि पहनने से परहेज ही कर रही हैं। शादियों का सीजन शुरू होते ही दुकानों में काफी सामान मंगवाया था लेकिन अब सामान नहीं बिक रहा है जिस कारण आढ़तियों के पैसे चुकाने की समस्या उत्पन्न हो गई है।

जीएसटी व सर्विस टैक्स में प्रदान की जाए राहत

व्यापार मंडल बिलासपुर के महासचिव व प्रिंटिंग प्रैस संचालक सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि शादी समारोहों में लगाई गई पाबंदियों के कारण लोग शादी के कार्ड छपवाने से परहेज ही कर रहे हैं जबकि धार्मिक आयोजनों पर तो पूरी तरह पाबंदी लगाई है, जिस कारण उनका व्यवसाय मौजूदा समय न के बराबर रह गया है और उन्हें अपनी प्रिंटिंग प्रैस में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि महामारी पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो रही-सही कसर पूरी हो जाएगी और उन्हें अपने संस्थान बंद करने पड़ेंगे। सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार को व्यापारियों की समस्याओं को देखते हुए जीएसटी व सर्विस टैक्स में कुछ राहत प्रदान करनी चाहिए ताकि व्यापारी वर्ग को कुछ राहत मिल सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नगर परिषद व लक्ष्मी नारायण मंदिर की दुकानों के किराए में भी जिला प्रशासन कुछ राहत प्रदान करे।

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Vijay