हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान : Chief Justice

Sunday, Dec 11, 2016 - 12:44 AM (IST)

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंसूर अहमद मीर ने राजधानी में आयोजित सम्मेलन में अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। इसमें आरंभ में 395 अनुच्छेद व 8 अधिसूचियां थीं जो अब क्रमश: 397 व 12 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि 300 मिलियन लोगों के लिए संविधान तैयार करना बहुत कठिन कार्य था। हमारे देश में अनेक धर्मों व जातियों के लोग हैं और भौगोलिक तौर पर विभाजन हुआ था और सभी को समानता सुनिश्चित बनाना चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकारों में व्यक्ति को नागरिक स्वतंत्रता का अधिकार है, जिसके अंतर्गत सभी नागरिक अपना जीवन शांति एवं सौहार्द ढंग से व्यतीत कर सकते हैं। कानून के समक्ष समानता, अभिव्यक्ति का अधिकार, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आजादी इत्यादि निहित हैं। उन्होंने सभी मौलिक अधिकारों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

हि.प्र. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हिमाचल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय करोल ने कहा कि प्राधिकरण ने राज्य की विभिन्न पंचायतों में 6000 पैरा लीगल वॉलंटियरों की तैनाती की है। हि.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव यशवंत सिंह चोगल ने धन्यवाद प्रस्तुत किया।  हाईकोर्ट में आयोजित हुए सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति धर्म चन्द चौधरी, न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति पी.एस. राणा, न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर, जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल तथा न्यायमूर्ति संदीप शर्मा के अलावा हि.प्र. उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों में आर.के. महाजन, के.सी. सूद, डी.पी. सूद तथा वी.के. शर्मा, जो हि.प्र. राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष भी हैं।

 जिला शिमला न्यायालयों के न्यायाधीश, हि.प्र. उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता श्रवण डोगरा, असिस्टैंट सॉलीसिटर जनरल ऑफ इंडिया अशोक शर्मा, हि.प्र. उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.पी. शर्मा, बार परिषद के अध्यक्ष देश राज शर्मा, हि.प्र. विश्वविद्यालय तथा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति, बड़ी संख्या में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय तथा विधि महाविद्यालयों के विद्यार्थियों सहित अन्य गण्यमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।