GST फार्मूले के खिलाफ ठेकेदार लामबंद, 2 दिन की सांकेतिक हड़ताल शुरू

Tuesday, Sep 18, 2018 - 03:36 PM (IST)

अम्ब: हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में जी.एस.टी. के फार्मूले को बदलने की मांग को लेकर ठेकेदार एसोसिएशन लामबंद हो गई है। ठेकेदारों ने स्पष्ट तौर पर सरकार को चेतावनी दी है कि अभी तो यह 2 दिन की सांकेतिक हड़ताल है। यदि उनकी समस्या का हल नहीं हुआ तो 15 दिन के बाद प्रदेश के सभी ठेकेदार कामकाज बंद करके अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। सोमवार को विश्राम गृह अम्ब में भरवाईं डिवीजन के पी.डब्ल्यू.डी. ठेकेदारों की बैठक राकेश लट्ठ की अध्यक्षता में हुई। विश्राम गृह अम्ब में एकत्रित ठेकेदारों ने रोष प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि जी.एस.टी. ने ठेकेदारों की आॢथक नीति को उलझाकर रख दिया है।

दोगुना टैक्स किया जा रहा वसूल
सरकार द्वारा जी.एस.टी. की अदायगी के लिए निर्धारित फार्मूले पर आपत्ति जताते हुए ठेकेदारों ने कहा कि एच.पी.एस.आई.डी.सी.और पर्यटन विभाग विभिन्न कार्यों के तहत ठेकेदारों को बाद में लगने वाले 12 प्रतिशत जी.एस.टी. का भुगतान कर रहे हैं जबकि लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों के लिए जी.एस.टी. की अदायगी का फार्मूला भिन्न है। यह सरासर पी.डब्ल्यू.डी. के ठेकेदारों के साथ सौतेला व्यवहार है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा मौजूदा जी.एस.टी. पॉलिसी के तहत उनसे लगभग दोगुना टैक्स वसूल किया जा रहा है। यहां तक जी.एस.टी. लागू होने से पहले आबंटित कामों पर भी लोक निर्माण विभाग जी.एस.टी. वसूल रहा है, लेकिन उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए सरकारी स्टोरों से मिल रहे सामान (मैटीरियल) के बिल तक नहीं मिल रहे हैं। जी.एस.टी. पॉलिसी के तहत हर महीने बिल के हिसाब से जी.एस.टी. रिफंड होने का प्रावधान है। समय पर बिल न मिलने की वजह से आज हाल यह है कि तमाम ठेकेदार थोपे जा रहे जी.एस.टी. के गलत फार्मूले की वजह से आर्थिक संकट में फंस गए हैं।

सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम
स्टेट कांट्रैक्टर वैल्फेयर एसोसिएशन के प्रधान सतीश विज का कहना है कि प्रदेश एसोसिएशन द्वारा जी.एस.टी. की रिकवरी निर्धारण फार्मूले के विरोध में सोमवार और मंगलवार को 2 दिन के बंद का ऐलान किया गया है। पूरे प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों सहित पी.डब्ल्यू.डी. के सभी निर्माण कार्य बंद किए गए हैं। सरकार को मांगों पर विचार करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है तथा मांगें न माने जाने की सूरत में प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन बंद किया जाएगा।

डीजल, पैट्रोल और लेबर जी.एस.टी. में की शामिल
ठेकेदारों का आरोप है कि विभाग की विभिन्न डिवीजनों को कुछ माह पहले ही जी.एस.टी. नंबर मिले हैं, लेकिन उन पर जी.एस.टी. गत जुलाई, 2017 से थोपा गया है। मैटीरियल की बिलिंग न होने के चलते उन्हें कोई टैक्स अथवा जी.एस.टी. रिफंड नहीं मिल रहा है। उलटा बाद में 12 प्रतिशत जी.एस.टी. ठेकेदार से वसूल किया जा रहा है। आलम यह है कि गलत फार्मूले की वजह से जी.एस.टी. के रूप में ठेकेदारों पर करोड़ों रुपए की देनदारी खड़ी हो गई है। हैरानी की बात यह है कि उन पर थोपे गए फार्मूले में डीजल, पैट्रोल और लेबर को भी जी.एस.टी. में शामिल कर दिया गया है, जबकि सरकार ने डीजल को जी.एस.टी. के दायरे से बाहर रखा हुआ है।

ये रहे उपस्थित
इस मौके पर कमल ठाकुर, सतीश शर्मा, हरीश शर्मा, भुवनेश जसवाल, विशाल शर्मा, शिव कुमार, गणेश कुमार, करनैल सिंह ठाकुर, अर्जुन सिंह, संदीप शर्मा, संजय ठाकुर, गौरव, मनु शर्मा, अजमेर सिंह, राम लुभाया, रविन्द्र बंसल, संजीव शर्मा, सुरेश पॉल, विवेक बबलू, रामधन, शाम कुमार, राजकुमार, ठाकुर राजेन्द्र सिंह व अजमेर सिंह सहित भरवाईं डिवीजन के लगभग सभी ठेकेदारों ने भाग लिया।

Vijay