चिंतपूर्णी के बाद अब इस शक्तिपीठ में भी भगवान को चूना लगा रहे भक्त

Saturday, Jul 08, 2017 - 11:34 AM (IST)

कांगड़ा: नोटबंदी के बाद पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट भले ही बंद हो गए हैं, लेकिन मां के भक्त मंदिरों में ये नोट खूब चला रहे हैं। हम बात कर रहे हैं माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा की। यहां भक्त मंदिर में चढ़ावे के रूप में पुराने नोट से भगवान को चूना लगा रहे हैं। यहां आंकड़ा एक लाख 40 हजार रुपए के पार पहुंच चुका है। मंदिर अधिकारी पवन बडियाल बताते हैं कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट मंदिर में चढ़ाने का सिलसिला आज भी बरकरार है। 30 जून तक एक लाख 40 हजार 500 रुपए के पुराने नोट दानपात्रों से प्राप्त हो चुके हैं।


भक्त पुराने नोट दानपात्र में डालकर मांग रहे मन्नतें
बताया जाता है कि भक्त पुराने नोट दानपात्र में डालकर मन्नतें मांग रहे हैं। अब उनकी यह मन्नतें पुराने नोटों से पूरी होंगी या नहीं, लेकिन मंदिर प्रशासन के लिए यह नोट मुसीबत बने हुए हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उचित कारणों से पुराने नोट जमा नहीं कर पाने वाले लोगों के लिए सुगम रास्ता निकालने के लिए केंद्र सरकार को हिदायत दी है, लेकिन मंदिर में चढ़ावे की धन राशि को लेकर परिस्थितियां अलग हैं। बताया जाता है कि बैंक पहले ही मंदिर में चढ़ावे के पुराने नोट लेने से मना कर चुका है। मंदिर अधिकारी ने बताया कि जैसे अगले दिशा-निर्देश आएंगे, उसके अनुरूप मंदिर प्रशासन कार्रवाई करेगा।


चिंतपूर्णी के दरबार में  भी श्रद्धालु चढ़ा रहे पुराने नोट
उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी के दरबार में अभी भी श्रद्धालुओं द्वारा चलन से बाहर हुए पुराने नोट मंदिर में चढ़ावे के रूप में चढ़ाए जा रहे हैं। दरअसल, मार्च माह के बाद भी अप्रैल, मई और जून तक लाखों रुपए का पुराने नोटों का नकद चढ़ावा मंदिर न्यास को प्राप्त हुआ है। बताया जा रहा है कि 21 जून को मंदिर के दान पात्र से 500 के 203 नोट मिले है। मंदिर न्यास के पास अब तक 9 लाख 86 हजार रुपये हो चुकी है।