षड्यंत्रकारियों के मंसूबे पूरे नहीं होंगे, डंके की चोट पर करेंगे रिपीट

Thursday, Jun 08, 2017 - 09:23 AM (IST)

पत्रकारिता से राजनीति में आए हिमाचल प्रदेश के उद्योग, श्रम व रोजगार, सूचना एवं जनसंपर्क व संसदीय मामलों के मंत्री मुकेश अग्निहोत्री उन नेताओं में शुमार हैं जो आलोचनाओं से विचलित होने की बजाय स्वयं को गांव व गरीब की सेवा के एजैंडे के प्रति समर्पित रखकर कर्म करने में यकीन रखते हैं। उनके बारे में विरोधी भी यह मानते हैं कि उन्होंने कभी लहरों के मिजाज पर निर्भर रहकर राजनीति नहीं की बल्कि अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति व जुझारूपन से हमेशा लहरों का मुख मोड़ा है। 3 साल पहले जब पूरा देश मोदी की लहर में हिलोरे ले रहा था, तब भी उन्होंने हरोली विधानसभा क्षेत्र के अपने मजबूत दुर्ग में इस लहर को फ टकने नहीं दिया और करीब 7 हजार मतों की लीड कांग्रेस प्रत्याशी को दिलवाकर अपने विरोधियों को चौंका दिया था। हरोली विधानसभा क्षेत्र में जीत की हैट्रिक लगा चुके मुकेश अग्निहोत्री से पंजाब केसरी ने प्रदेश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य से लेकर विधानसभा चुनावों की आहट तक अनेक विषयों पर सवाल किए जिनका बड़ी बेबाकी से उन्होंने जवाब दिया। पेश हैं हमारे कुलदीप शर्मा की उनसे बातचीत के कुछ प्रमुख अंश।


1. क्या तिलक राज प्रकरण से सरकार और राज्य में औद्योगिक निवेश पर असर पड़ेगा?
- भ्रष्टाचार के प्रति हमारी शुरू से ही जीरो टॉलरैंस की नीति रही है। उद्योग विभाग के महज एक अधिकारी पर बने मामले को लेकर आप पूरे तंत्र को कटघरे में खड़ा नहीं कर सकते। इस प्रकरण में कानून अपना काम करेगा। यह मामला अपवाद हो सकता है लेकिन राज्य में उद्योग मित्र माहौल बनाने व उद्यमियों को निवेश के लिए आमंत्रित करने में उद्योग विभाग के प्रयासों व निभाई गई भूमिका को कोई भी खारिज नहीं कर पाएगा। मैं आपको यह बता दूं कि विभाग की उद्योगों से संबंधित प्रस्तुतियों, संस्तुतियों व स्वीकृतियों को 1 माह में हम ऑनलाइन करने जा रहे हैं। चाहे इसके लिए हमें नया विधेयक ही क्यों न लाना पड़े। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी।


2. प्रदेश से उद्योगों के पलायन के समाचार आ रहे हैं। इसमें कितनी सच्चाई है?
- ऐसा दुष्प्रचार वे लोग कर रहे हैं जिन्हें नकारात्मक राजनीति करने में ही अपना भविष्य दिखाई देता है। उद्योगों के पलायन करने में लेशमात्र भी सच्चाई नहीं है। औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए हम 3 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रहे हैं। 


3. नशा व खनन माफिया प्रदेश में क्यों सिर उठा रहा है?
- हमारी सरकार ने अवैध खनन व नशों के प्रति जीरो टॉलरैंस की नीति अपनाई है। पंजाब में सत्ता परिवर्तन के साथ ही नशे के सौदागर गायब हो गए हैं। अब यह मुद्दा उठाने वाले लोग जबरदस्ती लकीर पीटने की कोशिश कर रहे हैं। हमने पुलिस को साफ निर्देश दिए हैं कि नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों को सलाखों के पीछे धकेला जाए। अब जो लोग नशे की आड़ में अपना भविष्य तलाश रहे हैं या नशा करते हैं, दोनों ठिकाने लग रहे हैं। जहां तक खनन का सवाल है, हमने खनन पट्टों की नीलामी शुरू की है। सरकारी भूमि पर क्रशर लगाने की नीति को समाप्त किया है। हरोली की जनता को यह मालूम है कि मुकेश अग्निहोत्री का न तो कोई पैट्रोल पम्प है, न गैस एजैंसी है, न क्रशर है और न ही कोई ट्रक-बसें चलती हैं। हमने राजनीति को कभी कारोबार का धंधा नहीं बनाया। 


4. भाजपा के कुछ नेता आप पर खनन व नशा माफि या को संरक्षण देने के आरोप लगाते रहे हैं। आपका इस बारे में क्या कहना है?
- भाजपा के कुछ नेता बिना बात के इसे अपना एजैंडा बनाए हुए हैं। हरोली भाजपा के भीतर भी कुछ नकारात्मक छवि के लोगों को विकास का एजैंडा रास नहीं आ रहा। उनके बीच टिकट पाने को लेकर भी आए दिन जूतियों में दाल बंट रही है। चुनाव में जनता की तरफ से हाशिए पर धकेल दिए गए लोग अब शगूफों व षड्यंत्रों की घटिया राजनीति का सहारा ले रहे हैं। वक्त आने पर जनता उन्हें फि र आईना दिखाएगी और उनकी औकात बताएगी। 


5. क्या आपको एक सोची-समझी रणनीति के तहत निशाने पर लिया जा रहा है? 
- यह रोजमर्रा की राजनीति का हिस्सा है। टिकट हासिल करने के लिए लोग किस कद्र गिरते जा रहे हैं, इसका ट्रेलर राजनीति में नजर आता है। हमें यह भी मालूम है कि ऊना जिला में स्थापित लीडरशिप कुछ लोगों को पच नहीं रही। हम ऐसी साजिशों व षड्यंत्रों से बेपरवाह हैं। विपक्ष व विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल के साथ भी सामान्य शिष्टाचार निभाते हैं और उन्हें नजरअंदाज नहीं करते। प्रदेश में इस साल चुनाव होने हैं और 6 महीने में परिदृश्य साफ  हो जाएगा। किसकी कितनी औकात है, सबके सामने आ जाएगी। 


6. यदि आवश्यकता हुई तो आप सत्ता और संगठन में से किसे चुनेंगे?
- मैं कांग्रेस का निष्ठावान सिपाही हूं। पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। पार्टी ने 3 बार विधायक बनाया, मंत्री बनाया। पार्टी के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हूं। हम उन मौकापरस्त लोगों में शामिल नहीं हैं जो जिम्मेदारियों से भागते हैं और पतली गली से निकल जाने में अपनी भलाई समझते हैं। पार्टी का हर आदेश हमारे लिए सिर माथे। 
 

7. भाजपा मोदी व अमित शाह सहित बड़े नेताओं को प्रदेश में ला रही है। ऐसे में कांग्रेस क्या तैयारी कर रही है?
- लोकसभा चुनाव से पहले भाजपाइयों ने देश व प्रदेश की जनता को अच्छे दिन लाने के खूबसूरत सपने दिखाकर छला था और इन 3 वर्षों में तमाम सपनों को चकनाचूर भी कर दिया। उनके नेताओं के आने से यहां पर कोई असर नहीं पडऩे वाला। लोग अब भाजपा नेताओं की हकीकत समझ गए हैं। भाजपा ऊपरी तौर पर चाहे कितना भी बवाल क्यों न मचा ले, हमारी सरकार डंके की चोट पर रिपीट करेगी। 


8. आप युवाओं को टिकट देने के कितने पक्ष में हैं?
- टिकट किसको देना है, यह फैसला हाईकमान करता है। मेरा मानना है कि आज के राजनीतिक परिदृश्य में युवा अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्शा रहे हैं और राजनीति में उनकी सक्रिय भागीदारी भी बढ़ रही है। राजनीति में अनुभव और जोश का मिश्रण होना चााहिए। पुराने तजुर्बेकार लोगों के अनुभव और युवाओं के जोश का तालमेल बना रहना चाहिए। 


9. क्या आपको लगता है कि 70-80 वर्ष के नेताओं को राजनीति से सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए?
- ऐसा कोई फॉर्मूला राजनीति में नहीं चलता। लोकतंत्र में जनता की इच्छा सर्वोपरि होती है। जो जनता की अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाए, उसे जनता 5 साल मौका देने के बाद रुख्सत भी कर देती है और जो जनता के दिलों में जगह बना लेता है, उसे जनता बार-बार समर्थन देती है।


10. मोदी लहर में भी आपने हरोली में कांग्रेस का डंका बजा दिया। इसके पीछे राज क्या है?
- हरोली की जनता विकास पसंद है। हरोली में हुआ काम बोलता है। हरोली में लोग विकास के कारवां में शामिल हैं। यहां के लोग दुष्प्रचार में नहीं आते बल्कि ऐसा करने वालों को चुनाव में करारा सबक सिखाते हैं। 


11. ऐसे आरोप लग रहे हैं कि आप प्रदेश के विकास का पैसा अपने हरोली हलके में लगाए जा रहे हैं?
- एक सफ ल वकील वही है जो कोर्ट में अपने मुवक्किल की जोरदार पैरवी करे और उसे जीत दिलवाए। मेरे विधानसभा क्षेत्र हरोली के लिए मेरा फ र्ज बनता है कि मैं अपने क्षेत्र की जनता की उम्मीदों व आकांक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरूं। मैं अपने क्षेत्र के लिए विकास योजनाओं की डटकर पैरवी करता हूं और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आशीर्वाद से विकास की भरपूर सौगातें हरोली हलके को मिल रही हैं। विकास के एजैंडे को आगे बढ़ाना और गरीब की सेवा करना गुनाह है तो निश्चित तौर पर मैं अपने आप को गुनाहगार की श्रेणी में रखता हूं। ऐसे गुनाहों को मैं सहर्ष कबूल करता हूं।