HPU को संघ का अखाड़ा नहीं बनने देगी कांग्रेस

Thursday, Aug 09, 2018 - 10:21 AM (IST)

शिमला : विधायक विक्रमादित्य सिंह ने शैक्षणिक संस्थानों में बढ़ते भगवाकरण पर  चिंता जताते हुए कहा कि यह देश हित में सही नहीं है। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में किसी विशेष विचारधारा को बढ़ावा देने से देश की धर्मनिरपेक्षता व अखंडता को चोट पहुंचेगी। युवा विधायक ने पिछले दिनों प्रदेश विश्वविद्यालय के परिसर में नवनियुक्त कुलपति के पद ग्रहण के समय भाजपा और आर.एस.एस. के नारे लगाने और कुलपति द्वारा साक्षात्कार में यह कहने कि वह आर.एस.एस. से संबंध रखते हैं, पर हैरानी जताते हुए कहा कि कांग्रेस एच.पी.यू. को संघ का अखाड़ा नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर किसी प्रकार की आंच भी कांग्रेस को सहन नहीं होगी। उन्होंने कुलपति को किसी विशेष संगठन का प्रतिनिधि न बनकर देश के एक सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय से जुड़े कार्यों व छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्षतापूर्ण तरीके से काम करने और शिक्षण संस्थान में सांप्रदायिक ताकतों को न पनपने देने की सलाह भी दी।

शिक्षण संस्थानों का किया जा रहा भगवाकरण
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्राय: देखा गया है कि आई.आई.टी., आई.आई.एम. व केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एक ही विचारधारा से संबंध रखने वाले व्यक्तियों को नियुक्त कर केंद्रीय सरकार शिक्षण संस्थानों का भगवाकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में की गई नियुक्ति इसका एक जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यदि कुलपति द्वारा किसी एक ही विचारधारा से जुड़े संगठनों को संरक्षण दिया गया तो कांग्रेस पार्टी मूकदर्शक बनकर नहीं रहेगी बल्कि इसका कड़ा विरोध करेगी।

आर.एस.एस. के एजैंडे को लागू करने की कोशिश न करें : युवा कांग्रेस
प्रदेश विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति ने जिस तरीके से अपना कार्यभार संभाला, वह बहुत ही ङ्क्षनदनीय है। एक शैक्षणिक संस्थान में राजनीतिक माहौल बनाते हुए जिस तरह से नारेबाजी की गई और संस्थान का जो भगवाकरण करने की कोशिश की जा रही है, उसे युवा कांग्रेस किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी। युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मनीष ठाकुर ने यहां जारी बयान में उक्त बात कही है। उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस इस तरह की गतिविधियों का पुरजोर विरोध करेगी। एक जिम्मेदार पद पर बैठने के बाद जातिवाद की बात करना बिल्कुल भी सही नहीं है। उन्होंने कहा कि एक विश्वविद्यालय के मुखिया होने के नाते कुलपति को चाहिए कि वह छात्रों के लिए शिक्षा का एक अच्छा माहौल तैयार करें। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त कुलपति आर.एस.एस. के एजैंडे को विश्वविद्यालय में लागू करने की कोशिश न करें, अन्यथा आपको इसके घातक परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

kirti