टनल पर हर हाल में शिलान्यास पट्टिका लगवाकर रहेगी कांग्रेस : मुकेश

Tuesday, Oct 13, 2020 - 06:15 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : अटल टनल के लोकार्पण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिरकत करने के दौरान इसी टनल के कांग्रेस कार्यकाल में हुए शिलान्यास की पट्टिका को हटाए जाने पर कांग्रेस आग बबूला हो गई है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने दोहराया है कि कांग्रेस के प्रदेश में सत्तासीन होने पर शिलान्यास पट्टिका को दोबारा टनल में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस टनल का केवल राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास मात्र किया है। लेकिन कांग्रेस भाजपा के मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि अटल टनल के उद्घाटन समारोह के दौरान यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के नाम की शिलान्यास पट्टिका को हटा दिया गया। जो भाजपा सरकार का राजनीति से प्रेरित काम है। उन्होंने कहा कि अटल टनल के उद्घाटन समारोह में उन्हीं की अगुवाई में कांग्रेस के विधायक दल का प्रतिनिधिमंडल गया था। जहां प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में भाग लिया गया। लेकिन भाजपा ने इस कार्यक्रम का राजनीतिकरण किया और यह धारणा देने की कोशिश की है कि अटल टनल भाजपा के प्रयासों से बनी है। इसलिए हमने समूचे टनल क्षेत्र का दौरा किया।

जहां कांग्रेस केे तमाम विधायकों ने भी देखा कि यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के नाम से स्थापित इसी टनल की शिलान्यास पट्टिका को वहां नहीं लगाई गई है। उन्होंने कहा कि इस बारे पता चला है कि बीआरओ के अधिकारियों ने उस पट्टिका को किसी स्टोर में रख दिया है। यह अशिष्टता की बात है। जब आप किसी भी परियोजना का उद्घाटन करवाते हैं तो तब उसी के शिलान्यास पट्टिका को भी समानांतर लगाया जाता है। शिलान्यास पट्टिका भी उस कार्यक्रम में हिस्सा बनती है। लेकिन उद्घाटन समारोह में शिलान्यास पट्टिका को हटाया जाना कोरी राजनीति है। 

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के मंडी दौरे के दौरान मैंने यह बात कही है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के सत्तासीन होने दोबारा इस पट्टिका को स्थापित किया जाएगा। अटल टनल भाजपा का प्रोजेक्ट कभी भी नहीं रहा हैं। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई ने इसकी अनाउंसमेंट की तो केवल अनाउंसमेंट मनाली से टनल तक जाने वाली सड़क की थी। जबकि सोनिया गांधी ने टनल का शिलान्यास किया। उस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह समेत हिमाचल प्रदेश के दिग्गज नेता उस कार्यक्रम के साक्षी बने थे। हमें इस टनल का पूरा इतिहास मालूम है। लेकिन जयराम सरकार ने इस संबंध में गलत दलीलें देकर लोगों को गुमराह किया।
 

prashant sharma