चुनाव लड़ने से घबरा रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता : किशन कपूर

Friday, Mar 22, 2019 - 10:12 PM (IST)

चम्बा (अमृत पाल): ज्यों ज्यों लोकसभा के चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं पूरे देश में राजनीतिक सरगर्मियां  जोर पकड़ती  जा रही हैं।  हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिला की बात करें तो यहां पर भी राजनेताओं ने अपनी-अपनी  पार्टियों के लिए प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है।  हालांकि अभी प्रदेश में कौन चुनाव लड़ेगा यह तय नहीं हो पाया है लेकिन बावजूद इसके नेताओं द्वारा अपने विरोधियों  पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। अभी कुछ ही दिन पहले सांसद शांता कुमार पर कांग्रेस ने गद्दी समुदाय के अपमान का आरोप लगाया है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता इस बात की सफाई देने में लगे हुए हैं की शांता कुमार ने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है। हालांकि शांता कुमार के  चुनाव न लडऩे के फैसले के बाद चम्बा-कांगड़ा सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा यह तय नहीं हो पाया है  लेकिन गद्दी समुदाय से जुड़े कैबिनेट मंत्री किशन कपूर का नाम भी टिकट के उम्मीदवार के रूप में  सामने आ रहा है। शुक्रवार को उन्होंने चम्बा मुख्यालय में एक प्रॅस वार्ता के दौरान जहां भाजपा द्वारा कराए गए विकास कार्य को गिनाया वहीं कांग्रेस पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। 

गद्दी समुदाय को उसका वंचित हक दिलवाने में शांता की भूमिका अहम

उन्होंने कहा कि शांता कुमार ने ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे कि प्रदेश के गद्दी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे। उन्होंने तो अपने कार्यकाल में प्रदेश के गद्दी समुदाय को उसका वंचित हक दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि अगर गद्दी समुदाय की बात की जाए तो भाजपा ने सदैव इस समुदाय को मान-सम्मान दिया है जबकि कांग्रेस ने इस समुदाय को महज वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी तो अभी से हार माने हुए हैं यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता चुनाव लड़ने से घबरा रहें हैं।

प्रचार-प्रसार में पूरी तरह से पिछड़ चुकी है कांग्रेस

उन्होंने कहा कि जहां तक जिला चम्बा के पिछड़ेपन की बात है तो इस जिला की तरफ पूर्व सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से प्रचार-प्रसार में पिछड़ चुकी है। कांग्रेस पार्टी इस बात को भलीभांति जान चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पन्ना प्रमुख की बैठकों को अंजाम देने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तरीय नेताओं को हिमाचल में लाने में सफलता हासिल की तो वहीं कांग्रेस पार्टी में यह स्थिति बनी हुई है कि प्रत्येक कांग्रेसी नेता खुद चुनावी मैदान में उतरने की बजाय दूसरे को मैदान में उतरने के लिए कह रहे हैं।

Vijay