कांग्रेस ने घेरी अफसरशाही, HC के आदेशों की धज्जियां उड़ाने का लगाया आरोप

Tuesday, May 08, 2018 - 07:40 PM (IST)

शिमला: कांग्रेस ने प्रदेश की अफसरशाही पर उच्च न्यायालय के आदेशों की खुलेआम अवहेलना करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने मुख्य रूप से वन विभाग के अधिकारियों पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश के सेब बाहुल्य क्षेत्र में लघु, सीमांत और भूमिहीन किसानों के लिए 5 बीघा तक सरकारी भूमि पर कब्जा मानवीय आधार पर राहत प्रदान करने के लिए दिया गया है। प्रदेश हाईकोर्ट का भी इस पर अंतरिम आदेश आ चुका है लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अफसरशाही हाईकोर्ट के आदेशों की खुलेआम अवहेलना कर रही है।


किसानों को राहत प्रदाने करने के मामले में सरकार बनी मूकदर्शक
उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को राहत देने के लिए ही पूर्व कांग्रेस सरकार ने वर्ष, 2016-17 में यह नीति बनाई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 5 बीघा तक सरकारी भूमि वाले किसानों को राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि इस मसले पर सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा है कि गरीब किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए सी.एम. तुरंत प्रभाव से पूरे मामले में हस्तक्षेप करें। 5 बीघा तक सरकारी भूमि वाले किसानों को किसी सूरत में भूमिहीन न किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारी प्राकृतिक न्याय के नियम को भी कार्रवाई के दौरान अनदेखा कर रहे हैं। हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर को भी नहीं माना जा रहा, एक तरफा सेब के पौधों का कटान और तानाशाही तरीके से बेदखली की कार्रवाई हो रही है। किसानों का पक्ष भी नहीं सुना जा रहा।


पौधों पर कुल्हाड़ी से बागवानों में भय
कांग्रेस ने सी.एम. से मांग की है कि वन विभाग की मनमानी कार्रवाई को तत्काल रोका जाए और हाईकोर्ट के आदेशों पर अमल हो। आरोप लगाया है कि अधिकारी पूर्व सरकार की नीति और हाईकोर्ट के अंतरिम आदेशों को भी मानने को तैयार नहीं हैं। मनमर्जी से सेब के पौधों पर कुल्हाड़ी चलाकर किसानों को बेदखल किया जा रहा है। इससे किसानों व बागवानों में भय व दहशत का माहौल है। अभी तक जिन भी किसानों की बेदखली हुई है, उनमें अनेक ऐसे किसान हैं जो पूरी तरह से भूमिहीन हो गए हैं।


वन विभाग के दावे खोखले
सुक्खू का कहना है कि अनुसूचित जाति के अनेक किसानों को भी सरकारी अधिकारियों की कार्रवाई से भूमिहीन होने का दंश झेलना पड़ा है। वन विभाग के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। विभाग के अनुसार 28 सौ बीघा भूमि मात्र 13 किसानों के पास है लेकिन कार्रवाई से अनेक छोटे किसानों पर बेदखली की मार पड़ी है।


भाजपा राज में बनी 1 लाख 57 हजार फाइलें
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अवैध कब्जों को नियमित करने की नीति भाजपा सरकार के समय में ही वर्ष, 2002 बनाई गई थी। आरोप हैं कि बिना सोचे-समझे बनाई गई इस नीति के कारण ही किसान गुमराह हुए और अवैध कब्जे बढ़े। इस नीति के तहत ही कब्जों को नियमित करने की एक लाख 57 हजार फाइलें बनीं। सुक्खू के अनुसार यदि छोटे किसानों को जल्द राहत प्रदान नहीं की गई तो बेरोजगारी, अराजकता व भुखमरी बढ़ेगी, साथ ही किसान अन्य राज्यों की तरह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को भी मजबूर हो सकते हैं।

Vijay