राजा वीरभद्र के करीबी रहे हर्ष महाजन पर कांग्रेस का बड़ा दांव, प्रदेश की सियासत में रखते हैं गहरी पकड़, चंबा से लगातार 3 बार बने हैं विधायक

Sunday, May 01, 2022 - 06:37 PM (IST)

राजा वीरभद्र के करीबी रहे हर्ष महाजन पर कांग्रेस का बड़ा दांव, प्रदेश की सियासत में रखते हैं गहरी पकड़, चंबा से लगातार 3 बार बने हैं विधायक

चंडीगढ़, 1मई-(अजय शर्मा) हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाने वाले हर्ष महाजन को आलाकमान ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। हर्ष महाजन को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश के पूर्व पशुपालन मंत्री रह चुके हर्ष महाजन को राजनीति विरासत में मिली। उनके पिता देश राज महाजन विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। 12 दिसंबर 1955 को चंबा में जन्मे हर्ष महाजन ने बी.कॉम और एमबीए की पढ़ाई की है। इन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा ली। हर्ष महाजन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और 1972 से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं। चंबा में स्थानीय निवासियों के बीच महाजन को भारी समर्थन और लोकप्रियता प्राप्त है और यही वजह रही कि वे तीन बार लगातार चंबा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक बने।

1986 से लेकर 1995 तक हर्ष महाजन राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। नवंबर 1993 में वे पहली बार चंबा से विधानसभा के लिये चुने गये। इसके बाद फिर 1998 और फिर 2003 में भी राज्य विधान सभा के लिए चुने गए। हर्ष महाजन 1994 से लेकर 1998 तक संसदीय सचिव भी रहे। इसके अलावा हर्ष महाजन प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष और वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।  ऐसे में अब पूर्व मंत्री के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति किये जाना इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिहाज से खासा महत्वपूर्ण है और इस कदम से निश्चित रूप से जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी कांग्रेस की संभावनाओं पर खासा असर पड़ेगा। हर्ष महाजन का भी कहना है कि नई टीम बनने से पार्टी में जोश का संचार हुआ है और पार्टी एकजुट हो कर चुनावी मैदान में उतरेगी और जीत दर्ज करेगी।

बता दें कि हिमाचल विधानसभा चुनाव को अब 6 महीने का ही समय बचा है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस संगठन में फेरबदल आलाकमान ने पार्टी में फिर से नई जान फूंकने की कवायद की है। प्रतिभा सिंह कांग्रेस प्रेदशाध्यक्ष बनाई गई हैं, तो उनके साथ 4 वर्किंग प्रेसिडेंट भी बनाए गए हैं।

इस बार के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिये ये चुनाव खास मायने रखते हैं, क्योंकि हर बार कांग्रेस की प्रदेश में नाव पार लगाने वाले राजा वीरभद्र सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस आला कमान ने राजा वीरभद्र सिंह की पत्नी को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया हैं और वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाने वाले नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष और अन्य लगभग सभी बड़े नेताओं को कोई-न-कोई जिम्मेदारी दी है। संदेश साफ है, कि पार्टी राजा वीरभद्र सिंह की विराट छवि के साथ एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी।

 

News Editor

Ajay Sharma