कांग्रेस में नहीं थम रहा घमासान, कांग्रेस नेताओं ने अब सुक्खू को लिया आड़े हाथ

punjabkesari.in Friday, Jul 03, 2020 - 07:36 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल कांग्रेस में जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रंगीला राम राव और पूर्व सीपीएस टेक चंद डोगरा ने पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधा है। उक्त नेताओं ने पूर्व अध्यक्ष सुक्खू केउस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को किसी भी कार्यकर्ता को नोटिस देने या पार्टी से बाहर करने का अधिकार नहीं है। उक्त नेताओं ने कहा है कि जिस तरह की बयानबाजी विधायक सुक्खू ने की है, उससे लगता है कि वह मानसिक तनाव का शिकार हो गए हैं।

पूर्व अध्यक्ष को  फिर से पढ़ लेना चाहिए पार्टी का संविधान

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष को अपने कार्यकाल को याद करते हुए कांग्रेस पार्टी के संविधान को फिर से पढ़ लेना चाहिए। उनसे पूछा गया है कि अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने जिस तरह से बिना किसी नोटिस व जवाबतलबी के बाहर किया था तो उस समय उन्होंने कौन-सा आधार अपनाया था। कांग्रेस नेताओं ने सुक्खू से पूछा है कि वह बताएं कि उन्होंने अध्यक्ष रहते हुए 175 से अधिक नेताओं व कार्यकत्र्ताओं को किस आधार पर पार्टी से बाहर किया था। यहां तक कि एनएसयूआई के 2 अध्यक्षों को पद से हटाया गया था।

राजनीतिक महत्वाकांक्षा में पार्टी को कमजोर करने के प्रयास

कांग्रेस नेताओं ने सुक्खू को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि वह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते प्रदेश में पार्टी को कमजोर करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में सोनिया गांधी व राहुल गांधी पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं, जबकि उसके विपरीत प्रदेश में कुछ पार्टी नेता अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए समांतर बैठकें कर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी कर पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोडऩे का प्रयास कर रहे हैं।

चाहे कोई वरिष्ठ नेता हो या कार्यकर्ता, अनुशासनहीनता पर हो कार्रवाई 

राव व डोगरा ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ प्रदेश में आगे बढ़ रही है। आज सब नेता एक मंच पर खड़े हैं। उक्त नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष से कहा है कि पार्टी के भीतर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाए। यदि ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ  नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई हो। चाहे अनुशासनहीनता करने वाला किसी भी स्तर का वरिष्ठ नेता या कार्यकर्ता ही क्यों न हो।


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Edited By

prashant sharma

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