चारों ओर मची लूट में सरकार व सिस्टम से जनता का भरोसा उठना वाजिब व स्वभाविक : राजेंद्र राणा

Wednesday, May 25, 2022 - 06:16 PM (IST)

हमीरपुर (ब्यूरो): बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जिताने के बाद अगर प्रदेश के लाखों कर्मचारी खुद को आहत और प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं, लाखों शिक्षित युवा नौकरी की आस में निराश व हताश हो रहे हैं तो दोष सरकार और सरकारी ढांचे में है, जिससे अब जनता को निजात पाना बेहद जरूरी है। यह बात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रैस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिला में छोटी-मोटी नौकरी करने वालों को वेतन व मानदेय के लाले पड़ गए हैं। आलम यह है कि मानदेय लेना अब भीख मांगने के सामान हो चुका है। राणा ने कहा कि सिरमौर में आशा वर्करों के तलवे मानदेय लेने के लिए इस कार्यालय से उस कार्यालय में जाते-आते घिस रहे हैं लेकिन हैरानी यह है कि न तो सरकारी तंत्र आशा वर्करों की बात सुन रहा है न ही सरकार उनकी बात सुनने को राजी है। सिरमौर की आशा वर्करों को 3 महीने से मानदेय नहीं मिला है लेकिन बीजेपी की जुमलेबाज सरकार कह रही है कि हिमाचल शिखर की ओर अग्रसर है। 

108 एंबुलैंस कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान
इसी तरह आम नागरिकों की मूलभूत स्वास्थ्य सुविधा को पूरी करने वाले 108 एंबुलैंस कर्मचारियों की मांगें पूरी न होने के कारण कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है लेकिन सरकार नई-पुरानी कंपनी के चक्कर में कर्मचारियों की न सुन कर कंपनी के हितों की परोक्ष सुरक्षा करने में जुटी है। एंबुलैंस 108 के कर्मचारियों को आऊटसोर्स पर रखने वाली जीवीके कंपनी में वर्ष 2015 से लेकर अब तक कर्मचारियों को एरियर तक नहीं दिया है। 343 एंबुलैंस चालकों से साथ 1200 कर्मचारी सरकार की इस अनदेखी से लगातार आहत व प्रताड़ित हो रहे हैं। सरकार के घोर उदासीन रवैये को देखते हुए अब एंबुलैंस कर्मचारियों ने हर जिला के डीसी को ज्ञापन देकर हड़ताल करने का ऐलान किया है लेकिन सरकार कर्मचारियों के हितों से बेखबर होकर गूंगी और बहरी बनी हुई है। राणा ने कहा कि प्रदेश के लोकतंत्र के इतिहास में बीजेपी सरकार एक ऐसी सरकार साबित हुई है जिसके राज में हर वर्ग हताश और निराश हो चुका है लेकिन सरकार अभी भी जुमलेबाजी करती हुई प्रदेश की जनता को गुमराह करने में लगी है। 

कृषि बीमा के नाम पर प्रदेश के किसानों के हितों से खिलवाड़
राणा ने कहा कि कृषि बीमा के नाम पर प्रदेश के किसानों के हितों से भारी खिलवाड़ हुआ है। कृषि बीमा के नाम पर बीमा कंपनियां तो रातोंरात मालामाल हुई हैं लेकिन किसान लगातार कंगाल हुआ है। कृषि बीमा के खेल में प्रदेश के किसानों को फूटी कौड़ी का लाभ नहीं मिला है जबकि कृषि बीमा कंपनियों ने कृषि बीमा के नाम पर हजारों करोड़ रुपए मुनाफा कमाया है। राणा ने कहा कि बद से बदतर हो रहे हालात बता रहे हैं कि फर्जी राष्ट्रवाद के नाम पर पूंजीवाद को स्थापित करके सरकार देश में फिर ईस्ट इंडिया सरीखी कंपनियों का साम्राज्य कायम करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि जिस सरकार के राज में 20 हजार करोड़ से ज्यादा की फर्जी डिग्रियां बेची गई हों। भर्तियों के नाम पर हजारों करोड़ रुपए बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर लूटे गए हों उस सरकार व सिस्टम पर से जनता का भरोसा उठना स्वभाविक है।

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

Content Writer

Vijay