कांग्रेस महासचिव ने अपने ही MLA पर बोला बड़ा हमला, 200 करोड़ के घोटाले का लगया आरोप

Tuesday, May 09, 2017 - 03:30 PM (IST)

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रामलाल ठाकुर ने अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बिलासपुर सदर के विधायक बंबर ठाकुर पर 200 करोड़ के घोटाले के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विधायक पर फोरलेन हाईवे के अधिकारी से एक लाख रुपए कमीशन लेने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। उन्होंने बंबर ठाकुर पर जमकर गुबार निकाला तथा कहा कि जिन लोगों ने अवैध खनन और कटान किया है वे अब अपने आपको पाक साफ दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। रामलाल ने कहा कि उनका कोई भी रिश्तेदार न तो खैरों का और न ही किसी अन्य प्रकार की ठेकेदारी करता है। 


प्रदेश सरकार को 200 करोड़ रुपए का हुआ नुक्सान
उन्होंने कहा कि जिला में बन रहे फोरलेन के लिए खड्डों में किए गए अवैध खनन से प्रदेश सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। उन्होंने जानना चाहा है कि फोरलेन के लिए रेत, बजरी व पत्थरों की सप्लाई करने वाला रामदास कौन है। उन्होंने कहा कि वह एक कृषक परिवार से संबंधित हैं तथा जिला में हो रहे तमाम गोरखधंधों पर चुप नहीं बैठेंगे। इन मामलों को लेकर वह कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि डी.एफ.ओ. सर्वटा और डी.एफ.ओ. तहसीलदार को क्यों स्थानांतरित किया गया। यह सब जिला के लोग जानते हैं। राम लाल ठाकुर ने बताया कि कोठीपुरा व नैना देवी में हुए अवैध खैर कटान और झंडूता तथा घुमारवीं में हुए अवैध खैरों के कटान के मामलों की हुई जांच की सारी रिपोर्ट उनके पास मौजूद है। कोठीपुरा में एक भाजपा नेता के साथ सांठ-गांठ कर खैरों को काटा गया और इन्हें पंजाब में भेजा गया। 


रामलाल ठाकुर प्रदेश सरकार को जांच के लिए लिख कर दें: बंबर 
बंबर ठाकुर ने कहा कि नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र में हुआ खैरों का अवैध कटान कांग्रेस व भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों और जान पहचान वाले लोगों ने किया है। उन्होंने कहा कि एक वनरक्षक का भाई भी खैरों का ठेकेदार है। उन्होंने अपने ऊपर लगाए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इसकी सी.बी.आई. जांच होनी चाहिए और वह प्रदेश सरकार को इसी जांच करवाने के लिए लिखकर देंगे। सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि कोठीपुरा व नैना देवी में हुए खैरों के अवैध कटान मामले को उन्होंने ही उठाया था तथा इसकी जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या फिर सी.बी.आई. से करवाने की मांग की थी।