मनाली, बंजार व कुल्लू में निष्कासन पर कांग्रेस का बड़ा फैसला, पढ़ें खबर

Saturday, Dec 30, 2017 - 11:32 PM (IST)

कुल्लू: फजीहत होती देख कांग्रेस ने अब रक्षात्मक रुख अपना लिया है। विधानसभा चुनाव में पिटी कांग्रेस ने रणनीति के तहत चुप्पी साध कर सत्य को स्वीकार करने की योजना बनाई है। शिमला में हुए थप्पड़ कांड ने भी रही-सही कसर पूरी कर दी। डा. कर्नल धनीराम शांडिल व मुकेश अग्निहोत्री सहित अन्य कांग्रेस दिग्गजों के सामने हुए थप्पड़ कांड से कांग्रेस की बौखलाहट भी उजागर हुई। इस तरह की घटनाओं पर कुल्लू में भी जिला कांग्रेस ने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा। विधानसभा चुनाव में भितरघात और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता पर आनी और लाहौल-स्पीति में कइयों को पार्टी से निष्कासित किया गया। आनी और लाहौल-स्पीति में पूर्व विधायकों सहित ऐसे लोगों पर भी निष्कासन की गाज गिरी है जो पूर्व में प्रदेश सरकार में बड़े ओहदों पर भी रहे हैं। कुल्लू जिला कांग्रेस के पास अभी कुल्लू सदर, मनाली और बंजार से निष्कासन का कोई मामला नहीं पहुंचा है। 

भितरघात को लेकर अंदरूनी तौर पर मचा घमासान 
हालांकि इन हलकों में अंदरूनी तौर पर भितरघात को लेकर घमासान मचा हुआ है। कुल्लू सदर हलके में भी कांग्रेस प्रत्याशी को हराने के लिए पार्टी के ही कुछ लोगों पर जोर लगाने के आरोप हैं लेकिन जीत हासिल होने के बाद कुल्लू सदर ब्लाक कांग्रेस ने फिलहाल चुप्पी साध ली है। बंजार से टी.सी. महंत को निष्कासित किया गया लेकिन निष्कासन की सिफारिश से संबंधित दस्तावेज अभी जिला कांग्रेस कमेटी को नहीं मिले हैं। हालांकि डी.सी.सी. का तर्क है कि बी.सी.सी. को अपने स्तर पर ही प्राथमिक सदस्य को निष्कासित करने का अधिकार है। बंजार विधानसभा क्षेत्र के रूपी इलाके में कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य विक्रम को बढ़त मिली लेकिन बंजार इलाके में बढ़त अचानक चकनाचूर हो गई और भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र शौरी आगे निकलते हुए जीत दर्ज करने में कामयाब हो गए। 

भितरघात करने वालों ने ही जानबूझ कर किया निष्कासित 
बंजार में भाजपा के पक्ष में बरसे वोटों पर उपजे बवाल के बीच ही महंत पर निष्कासन की गाज गिरी। हालांकि महंत के पक्ष में बी.सी.सी. के कई पदाधिकारियों ने दो टूक कहा कि भितरघात करने वालों ने ही महंत को जानबूझ कर पार्टी से निष्कासित किया है। दूसरी ओर मनाली में कांग्रेस प्रत्याशी हरिचंद शर्मा को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस ने एकजुटता का परिचय दिया था, जिससे सभी को लग रहा था कि कांग्रेस बढ़त बनाएगी लेकिन कांग्रेस के ही लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी की ऐसी हालत कर दी कि चुनावी रण के अंतिम दौर में कांग्रेस प्रत्याशी अकेले नजर आए। हालांकि मनाली कांग्रेस ने अभी तक हार के चक्कर में किसी को पार्टी से निष्कासित नहीं किया है।

निष्कासन से पार्टी का ही नुक्सान 
कांग्रेस पार्टी के पुख्ता सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अब जो हो गया सो हो गया की नीति पर चल रही है। किसी को पार्टी से निष्कासित करके पार्टी का अपना ही नुक्सान है, ऐसे में निष्कासन की प्रक्रिया पर ब्रेक का निर्णय लिया गया है लेकिन पार्टी के कुछ कर्मठ सिपाही भितरघातियों को पार्टी से बाहर निकालने पर भी अड़े हुए हैं, ऐसे में अभी किसी भी तरह के फैसले पर संबंधित बी.सी.सी. विचार कर रही है। ऊपर से राहुल गांधी ने भी कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश नेतृत्व को फटकार लगाई है और दो टूक कहा कि गुजरात में प्रदर्शन से मैं खुश हूं। पिछले चुनाव के मुकाबले गुजरात में कांगे्रस को कुछ बढ़त मिली। इधर, हिमाचल में जिस तरह से पार्टी के बड़े नेताओं में खींचतान रही उस पर राहुल गांधी ने खूब सुनाई, ऐसे में प्रदेश में बैकफुट पर आई कांग्रेस के पास चुप्पी साधने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है।