CM के गृह क्षेत्र में 2 धर्मों के संगठनों में हुआ टकराव, जानिए क्यों

Sunday, May 14, 2017 - 06:38 PM (IST)

रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के गृह क्षेत्र रामपुर में रविवार को 2 धर्मों के संगठनों में टकराव के कारण स्तिथि तनावपूर्ण बन गई। ईसाई समुदाय द्वारा यहां मसीही महा सत्संग प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाना था, जिसमें यू.एस.ए. से पादरी मार्क एडरसन रामपुर पहुंच गए थे जबकि 15 मई को मुख्यमंत्री को मुख्यातथि के रूप में आना था। इसी बीच देव संस्कृति रक्षा मंच के बैनर तले हिंदू संगठन के लोगों ने रविवार को पहले बाजार से होते हुए बस अड्डे तक रैली निकाली और उसके बाद वे ईसाइयों को खदेडऩे पदम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परिसर की ओर बढ़े। स्कूल गेट पर पुलिस तैनात होने के कारण लोगों को अंदर जाने से रोका गया। इस दौरान खूब धक्का-मुक्की भी हुई। लोहे के बने गेट को तोडऩे का भी प्रयास हुआ। 



मार्क एडरसन और मुख्यमंत्री के पोस्टर जालाए
इसी बीच लोगों ने मार्क एडरसन और मुख्यमंत्री के पोस्टरों को भी आग लगा दी और मुख्य मार्ग को करीब डेढ़ घंटे तक जाम किया। देव संस्कृति रक्षा मंच के लोगों की मांग थी कि स्कूल परिसर में इस तरह धर्म परिवर्तन करने वालों को कैसे सभा करने की इजाजत दी गई, उन्हें तुरंत बहार किया जाए। उनका कहना था कि स्कूल परिसर में इस तरह के आयोजन करवाने के पीछे सरकार का भी हाथ है। उधर, दूसरी ओर ईसाई समुदाय के लोगों का कहना था कि वे धर्म परिवर्तन नहीं करवा रहे हैं, उनका लक्ष्य ईश्वर से लोगों को जोडऩा है। उन्होंने परिसर के लिए अनुमति ली थी और बाकायदा सभागार के लिए राशि भी अदा की है।



स्कूल प्रबंधन ने बंद किया साभागार 
पास्टर कमलेश नेगी ग्रेट कमीशन फैलो चर्च ने बताया कि महाप्रार्थना सभा रखी गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री को भी आना था लेकिन स्कूल परिसर के सभागार को स्कूल प्रबंधन ने बंद किया है जबकि 2 दिन का उन्होंने भुगतान भी किया है। उन्होंने बताया कि इससे पहले शनिवार को भी किसी संगठन को सभा करने दी गई लेकिन हमें नहीं। हमारा महासत्संग से  जुड़ा सामान भी सभागार में बंद किया गया है। 



महिलाओं से हुई धक्का-मुक्की
देव संस्कृति रक्षा मंच के संयोजक संदीपनी भारद्वाज ने बताया कि विदेशी पादरी के यहां आने को लेकर हिन्दुओ में आक्रोश था लेकिन महिला पुलिस की गैर-मौजूदगी में महिलाओं से धक्का-मुक्की हुई। उन्होंने बताया कि ईसाइयों को कैसे सरकारी स्कूल में कार्यक्रम की इजाजत दी गई। वहीं ज्योतसना भारद्वाज व महिला मोर्चा अध्यक्ष अनु ने बताया कि जब महिलाएं इसका विरोध कर रही थीं तो बिना महिला पुलिस के उनसे पुलिस जवानों ने धक्का-मुक्की व बदसलूकी की।