कंप्यूटर शिक्षकों को मिले सिर्फ आश्वासन, संघ ने की नियमितीकरण की मांग

Thursday, Jun 28, 2018 - 11:50 AM (IST)

ज्वाली: हिमाचल प्रदेश में कार्यरत 1341 कंप्यूटर शिक्षकों को सरकार आज तक पक्की नौकरी तो क्या कच्ची नौकरी भी नहीं दे पाई है, जोकि बहुत बड़ी विडंबना है। यह बात प्रदेश कंप्यूटर शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष दलजीत मन्हास व पूर्व कोषाध्यक्ष राजीव पठानिया ने कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कार्यरत कंप्यूटर शिक्षक पिछले 16 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं और सरकार ने आजतक उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर अपनी योजनाओं को सफल बनाने के लिए उनका इस्तेमाल एवं उनका भरपूर शोषण किया है व उनके सुनहरे भविष्य को उजाड़ कर रख दिया है। 


उन्होंने कहा कि उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है। सरकार की ठेकेदारी प्रथा के द्वारा हिमाचल के कई परिवारों को  घुटन भरी जिंदगी जीने को मजबूर कर दिया है। सरकार हर बार कंपनी के साथ करार कर और उसे एक्सटेंशन देकर अपना पल्ला झाड़ लेती है जबकि स्कूलों में पढ़ाई से संबंधित कोई भी भूमिका कंपनी के द्वारा नहीं निभाई जाती है। दलजीत मन्हास व राजीव पठानिया ने कहा कि हिमाचल सरकार कई बार कंप्यूटर एजुकेशन के इनाम भी जीत चुकी है किंतु जिन शिक्षकों की मेहनत के कारण यह पुरस्कार सरकार को प्राप्त होते हैं उनकी तरफ कोई नजर-ए-इनायत नहीं होती है। 


उन्होंने कहा कि कहने को तो कंप्यूटर शिक्षक सरकारी स्कूल में कार्यरत हैं, परंतु अगर उनकी आर्थिक दशा तथा उनके उनके भविष्य की ओर नजर डालें तो उनकी स्थिति बहुत ही दयनीय है। अब एक बार फिर से आई.पी. शिक्षा के लिए कंपनी को दी गई एक्सटेंशन 30 जून को पूरी होने जा रही है अब देखना यह है कि सरकार कंप्यूटर शिक्षकों के भविष्य के लिए क्या कदम उठाती है क्या सरकार इन्हें विभाग में शामिल करेगी या एक बार फिर से कंप्यूटर शिक्षा का जिम्मा कंपनी को सौंपेगी। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि कंप्यूटर शिक्षा को शिक्षा विभाग में समायोजित करके प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत कम्प्यूटर अध्यापकों को नियमितीकरण की पॉलिसी में सम्मिलित किया जाए, ताकि कम्प्यूटर शिक्षक अपने परिवार का पालनपोषण कर सकें।

Ekta