भानुपल्ली-बैरी रेललाइन के 83 प्रभावितों को 11 करोड़ का मुआवजा जारी

Tuesday, Jul 09, 2019 - 10:54 PM (IST)

बिलासपुर: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बैरी रेललाइन के लिए अधिगृहीत की गई जमीन का मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। करीब 63 किलोमीटर लंबी इस रेललाइन का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है तथा पहले चरण में हुए सर्वे के तहत पंजाब की सीमा के साथ लगते गांवों में मुआवजा भी दिया जा चुका है। जानकारी के अनुसार मंगलवार को दूसरे चरण में बैहल में प्रभावितों को भू-अर्जन अधिकारी (रेलवे) व तहसीलदार सदर जयगोपाल शर्मा ने चैक वितरित किए। इस दौरान खैरियां, लखाला व बैहल के 83 प्रभावितों को करीब 11 करोड़ रुपए मुआवजा राशि के चैक वितरित किए गए। इससे पहले जिला प्रशासन द्वारा जंडौरी, दबट-मजारी, बेहरड़ा, कांगूवाली, झीड़ा, कोटखास, नंदबैहल, टोबा-संगवाणा, नीलां, लखनू व धरोट के प्रभावितों को मुआवजा राशि के चैक बांटे जा चुके हैं।

रेललाइन के धरातल में उतरने की उम्मीद बंधी

दूसरे चरण में मुआवजा राशि वितरित किए जाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद जल्द की पिछले कई वर्षों से कागजों में बन रही इस रेललाइन के धरातल में उतरने की उम्मीद बंधी है। दूसरे चरण में बैरी तक करीब 50 गांवों के प्रभावितों को मुआवजा दिया जाना है, जिनमें से 3 गांवों में मंगलवार को मुआवजा राशि दी जा चुकी है। पंजाब के साथ लगती सीमा पर स्थित जंडौरी में पहली टनल बनाई जानी प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त पहला बड़ा जंक्शन जगातखाना में बनाया जाएगा। उसके बाद बिलासपुर में अली खड्ड के पास एक छोटा जंक्शन बनाया जाना प्रस्तावित है। एक जंक्शन बैरी-बरमाणा में भी बनाया जाना प्रस्तावित है।

गोबिंद सागर झील के किनारे से होती हुई बरमाणा पहुंचेगी रेललाइन

इस रेललाइन की खासियत यह है कि यह गोबिंद सागर झील के किनारे से होती हुई बरमाणा पहुंचेगी, जिससे सैलानियों को झील का नजारा देखने का मौका भी मिलेगा। इस अवसर पर भू-अर्जन विभाग रेलवे बिलासपुर के नायब तहसीलदार सुंदर राम भनोट भी मौजूद रहे। भू-अर्जन अधिकारी (रेलवे) व तहसीलदार सदर जयगोपाल शर्मा ने बताया कि 3 गांवों में मंगलवार को मुआवजा राशि के चैक वितरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सर्वे के तहत अधिगृहीत की गई लोगों की जमीन का मुआवजा दिए जाने का दूसरा चरण शुरू कर दिया गया है।

Vijay