कंपनी ने लोगों की जमीन पर ले लिया करोड़ों का ऋण

Thursday, Apr 20, 2017 - 01:13 AM (IST)

भरमौर: होली क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की जमीन को कंपनी द्वारा गिरवी रख कर करोड़ों रुपए का ऋण लेने का मामला सामने आया है। उधर, उपमंडल प्रशासन ने मामला सामने आने पर कंपनी से इससे संबंधित पूरा रिकार्ड तलब किया है। उधर, उपतहसील होली के उन लोगों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है जिन्होंने अपनी भूमि को उक्त कंपनी को लीज पर दे रखा है। सूत्रों के अनुसार रावी नदी पर जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रही कंपनी ने विभिन्न बैंकों से ऋण लेने के लिए ग्रामीणों की जमीनों को ही गुपचुप तरीखे से गिरवी रख दिया है। 

 बैंक में ऋण लेने गए व्यक्ति ने किया खुलासा
इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति बैंक में ऋण लेने के लिए पहुंचा तो उसके राजस्व कागजात पर लगे नोट से यह पता चला। इस बात का पता चलते ही परियोजना प्रभावित 5 पंचायतों के हजारों लोगों में चिंता की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि प्रोजैक्ट प्रबंधन इसे एक तकनीकी खामी बता रहा है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि हेडरेस टनल के ऊपर वाली जमीनों को आखिर किन नियमों और कानून के तहत मोडगेज कर बैंक के समक्ष गिरवी रख दिया गया। बहरहाल उपमंडलीय प्रशासन के समक्ष मामला ध्यान में आने के बाद कंपनी प्रबंधन से इससे संबंधित रिकॉर्ड तलब कर लिया गया है और रिकॉर्ड देखने के बाद ही आगामी कार्रवाई करने की बात प्रशासन ने कही है। 

40 वर्ष की अवधि तक पट्टे पर लेने का हवाला
बता दें कि जी.एम.आर. कंपनी रावी नदी पर 180 मैगावाट की बजोली-होली जलविद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कर रही है। प्रोजैक्ट के निर्माण कार्य के लिए कंपनी प्रबंधन की ओर से सरकारी और गैर-सरकारी भूमि का अधिग्रहण किया और बाकायदा प्रभावितों को इसका मुआवजा भी दिया है। प्रभावित पंचायतों में उस वक्त हड़कंप की स्थिति बन गई जब पता चला है कि जिस जगह से हेडरेस टनल गुजर रही है वहां की ऊपर की भूमि से संबंधित खसरा नंबर को राजस्व कागजात में 40 वर्ष की अवधि तक पट्टे पर लेने की बात कही गई है। राजस्व कागजात में हवाला दिया गया है कि उक्त भूमि के खसरा नंबरों को कंपनी द्वारा पट्टे पर लिया गया है और इस पर बाकायदा करोड़ों रुपए का ऋण प्रबंधन की ओर से विभिन्न बैंकों से लिया गया है।