कृषि विभाग को लाखों का चूना लगाकर फरार हुई कंपनी, पढ़ें क्या है मामला

Sunday, Jul 30, 2017 - 07:16 PM (IST)

शिमला: कृषि विभाग को साईं ऑटोमोबाइल कम्पनी वाकनाघाट में लाखों रुपए का चूना लगा कर फरार हो गई है। विभाग ने अब पेमैंट की वसूली को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। कृषि विभाग ने वर्ष 2011 में 4 गाडिय़ों की खरीद के लिए 34 लाख रुपए की पेमैंट साईं ऑटोमोबाइल कंपनी को की थी। करार के मुताबिक उक्त कंपनी ने 45 से 60 दिन के भीतर कृषि विभाग को 4 गाडिय़ां खरीद कर देनी थीं लेकिन पेमैंट हाथ लगने के बाद कंपनी गाडिय़ां खरीदने में आनाकानी करने लगी और अब वाकनाघाट में दफ्तर पर ताला जडऩे के बाद कंपनी फरार हो गई है। मोबाइल हैकर क्लीनिकल लैब और मोबाइल बायोक्लीनिकल लैब द्वारा वैन की खरीद में कृषि विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। कृषि विभाग को गाडिय़ों की बुकिंग होने पर 25 फीसदी पेमैंट करनी थी और बुकिंग होते ही साईं ऑटोमोबाइल को पूरी पेमैंट करनी थी लेकिन कृषि विभाग ने शुरू में ही कंपनी को फुल पेमैंट कर दी। 

कंपनी ने विभाग को सौंपी 2 गाडिय़ां
करीब 5 माह बीत जाने के बाद जब गाडिय़ों की खरीद निर्धारित समय में नहीं की तो विभाग ने कंपनी से पत्राचार करना शुरू किया। 17 मार्च, 2012 को यह मामला सचिव ट्रांसपोर्ट के समक्ष उठाया गया। सचिव ट्रांसपोर्ट ने कंपनी के एम.डी. सचिन डोगर को कारण बताओ नोटिस जारी किया। काफी जद्दोजहद के बाद कंपनी ने 1 एग्री क्लीनिकल लैब वैन और 1 बायो कंट्रोल लैब वैन खरीदकर विभाग को सौंपी। अभी भी कंपनी ने 2 एग्री क्लीनिकल लैब वैन खरीदकर कृषि विभाग को देनीं थीं लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। कृषि विभाग ने फिर से यह मामला सरकार के समक्ष उठाया और सरकार ने कम्पनी पर केस करने को कहा। कोर्ट ने भी सख्ती दिखाते हुए कंपनी को करीब 17 लाख रुपए की शेष बची पेमैंट जमा करने के निर्देश दिए।

5.50 लाख रुपए की पेमैंट अभी भी कंपनी के पास
इसके बाद ठेकेदार ने कई किस्तों में करीब 11.50 लाख रुपए जमा किए लेकिन करीब 5.50 लाख रुपए की पेमैंट अभी भी कंपनी के पास बताई जा रही है। यहां कंपनी के दफ्तर पर ताला लगा हुआ है जिससे सवाल उठता है कि आखिर किसकी मिलीभगत से गाडिय़ों की खरीद के लिए कंपनी को पूरी पेमैंट एक साथ की गई और गबन हुई राशि का जिम्मेदार कौन है। इसे लेकर जब साईं ऑटोमोबाइल के एम.डी. द्वारा कृषि विभाग को दिए गए 3 मोबाइल नंबरों पर कॉल का प्रयास किया गया तो एक भी नंबर मौजूद नहीं था।