गुरुद्वारा प्रबंधन विवाद : कमेटी ने लिया फैसला, संत बाबा लाभ जी को ही सौंपी जाए जिम्मेदारी

Monday, Mar 19, 2018 - 01:29 AM (IST)

मंडी: मंडी के ऐतिहासिक गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरुद्वारा के प्रबंधन को लेकर चल रहा विवाद अब कोर्ट के फैसले पर निर्भर है। हालांकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा संगत के सुझाव पर संत बाबा लाभ सिंह जी को ही सेवा करने का निर्णय ले लिया है। रविवार को विवाद समाप्त करने के लिए सिख धर्म की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर (एस.जी.पी.सी.) द्वारा रविवार को मंडी के गुरुद्वारा परिसर में जनरल हाऊस बुलाया गया, जिसमें प्रदेशभर के सिख धर्म की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित करीब 200 से अधिक संगत ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

कमेटी के सदस्यों ने किया एस.जी.पी.सी. का विरोध
 जनरल हाऊस के आरंभ होने से पहले गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मंडी के सदस्यों द्वारा एस.जी.पी.सी. का विरोध किया गया और उसे वापस जाने को लेकर नारे भी लगाए, जिससे माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। हालांकि गुरुद्वारा परिसर में पहले से ही पुलिस तैनात की गई थी लेकिन मामले को बढ़ता देख सदर थाना के एस.एच.ओ. अन्य पुलिस कर्मियों सहित मौके पर पहुंचे और मामले को शांत किया। इसके बाद गुरुद्वारा परिसर में जनरल हाऊस शुरू हुआ, जिसमें प्रदेशभर से आई संगत व सिख धर्म की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव दिए कि गुरुद्वारा सहित स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की देखरेख में संत बाबा लाभ सिंह जी को ही सौंपी जाए। जनरल हाऊस में निर्णय लिया गया कि कोर्ट के फैसले के बाद एस.जी.पी.सी. हिमाचल प्रदेश की संगत को संत बाबा लाभ सिंह जी के पास जाकर दोबारा मंडी के गुरुद्वारा सहित स्कूल प्रबंधन के संचालन को लेकर आग्रह किया जाएगा ताकि पूर्व की भांति गुरुद्वारा व स्कूल का संचालन होता रहे।

कोर्ट में आज होगी मामले की सुनवाई
इस दौरान संगतों ने आरोप लगाया है कि संत बाबा लाभ सिंह जी द्वारा करीब 35 वर्ष मंडी के ऐतिहासिक गुरु गोबिंद सिंह जी गुरुद्वारा की सेवा की जा रही है और बाबा जी द्वारा गुरुद्वारा का दरबार, सराय व परिसर में स्कूल भवन का निर्माण करवाया गया लेकिन अब स्थानीय लोगों द्वारा बाबा जी के कार्य को दरकिनार कर गुरुद्वारा में जबरन कब्जा किया गया। संगतों को कहना है कि संत बाबा लाभ सिंह जी द्वारा वर्ष 1982 में गुरुद्वारा में 24 घंटे अटूट लंगर भी लगाया गया बावजूद इसके अब उन्हें ही गुरुद्वारा की सेवा से जबरन बाहर किया जा रहा है। जानकारी अनुसार गुरुद्वारा प्रबंधन को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है, जिसकी सुनवाई 19 मार्च (सोमवार) को होगी। 

Punjab Kesari