‘घोषणाओं और शिलान्यास में रिकार्ड बनाना चाहते हैं मुख्यमंत्री’

Sunday, Jan 22, 2017 - 10:34 PM (IST)

कुल्लू: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इन दिनों शिलान्यास, उद्घाटन और घोषणाएं करने में व्यस्त हैं। वह चाहते हैं कि सारे देश के ही शिलान्यास और उद्घाटन कर दें। मुख्यमंत्री तो व्यस्त हैं ही लेकिन न जाने उनकी धर्मपत्नी किस कानून के तहत उद्घाटन कर रही हैं। यह बात सदर कुल्लू के विधायक महेश्वर सिंह ने खोरी रोपा स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगातार खोखली घोषणाएं की जा रही हैं। इतने कालेज खोल दिए गए कि शिक्षकों की संख्या ही कम पड़ गई। कुल्लू कालेज से शिक्षकों के तबादले करके उन्हें हाल ही में खोले गए कालेजों में भेज दिया गया। इससे न सिर्फ  कुल्लू बल्कि सभी कालेजों की शिक्षा प्रभावित हुई है। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए शिक्षा के स्तर को गिराने में जुटे हुए हैं। इसके लिए जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। 

लो.नि.वि. कुल्लू डिवीजन-1 को शिफ्ट करना न्यायसंगत नहीं
विधायक ने लोक निर्माण विभाग कुल्लू के डिवीजन-1 को बंजार में शिफ्ट करने को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह ठेकेदार मकड़झंडुओं को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया कदम है। लोक निर्माण विभाग के डिवीजन को बंजार में शिफ्ट करना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि 1956 से कुल्लू में डिवीजन खुला हुआ है जिसे शिफ्ट करने से पहले डिवीजन के अंतर्गत आने वाली पंचायतों से फैसले के बारे में राय ले लेनी चाहिए थी। अगर सरकार को डिवीजन बंजार में खोलना ही था तो नया डिवीजन खोला जा सकता था। उन्होंने कहा कि मणिकर्ण, भुंतर व गड़सा के लोग क्या बंजार जाना चाहेंगे। यह सरकार को शिफ्ट करने से पहले जान लेना चाहिए था। 

ये शिलान्यास नहीं हुए पूरे
मुख्यमंत्री द्वारा भुंतर में पर्यटन सूचना केंद्र का शिलान्यास किया गया था लेकिन 4 साल का समय बीत जाने के बाद भी दूसरा पत्थर तक नहीं लगा। सूमा सब्जी मंडी की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई लेकिन यह घोषणा तक ही सीमित रह गई। अखाड़ा बाजार सब्जी मंडी घाटे में चल रही है लेकिन सुपर एम.एल.ए. के कहने पर आज तक सब्जी मंडी केप्रोजैक्ट को शुरू नहीं किया जा सका।

आवारा कुत्तों की समस्या का नहीं निकला कोई हल 
विधायक ने बंदरों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि आज शिमला में आम आदमी बंदरों के आतंक से सहमा हुआ है। बंदरों को मारने के पीछे तो धार्मिक भावना छुपी हुई है लेकिन बढ़ती कुत्तों की संख्या पर सरकार अंकुश लगाने में क्यों असफल हुई है। वर्ष 2016 में 11 महीनों में 44,162 लोगों को काटा गया है। कई स्थानों पर तो कुत्ते जंगली बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि आखिर पशुपालन विभाग क्या कर रहा है।

धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने का फैसला गलत 
महेश्वर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। विधायकों के रहने के लिए महंगे होटल बुक करवाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य खर्च भी बढ़ते हैं। इस दौरान मंत्री-विधायकों के वाहनों को असुविधा न हो, इसके लिए यातायात को पुलिस द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इससे आम आदमी को परेशानी उठानी पड़ती है। इसलिए वह सरकार के इस फैसले से खुश नहीं हैं।