स्कूल के बच्चों से भेदभाव हुआ तो होगी कड़ी कार्रवाई : वीरभद्र

Thursday, Dec 08, 2016 - 08:57 PM (IST)

कुल्लू: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि कानून या बल से कोई चीज लागू की जाए तो प्रतिरोध पैदा हो सकता है। किसी स्कूल में अगर बच्चों के साथ जाति को लेकर भेदभाव किया जा रहा है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यही नहीं शिक्षा विभाग में तैनात अध्यापक को निष्कासित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश कोली समाज के राज्य प्रतिनिधि स्तर के महासम्मेलन में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा मंच के माध्यम से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए और कहा कि ऐसे अध्यापकों पर कड़ी नजर रखें जो मिड-डे मील और शिक्षा संस्थाओं में बच्चों के साथ भेदभाव करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में आज भी कट्टर पंथी लोग हैं जिन्हें समझाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय आएगा जब बच्चे अपने माता-पिता से पूछेंगे कि यह छुआछूत क्या होती थी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि समानता का अधिकार संविधान द्वारा दिया गया है, इसका प्रभाव तभी अधिक होगा जब समाज शिक्षित होगा। प्रदेश में आजादी के बाद मात्र 150 स्कूल थे और आज करीब 15 हजार स्कूल हैं। सरकार का उद्देश्य है कि समाज में ऐसा कोई भी व्यक्ति न हो जो शिक्षा से वंचित रह जाए। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा मंदिर भीमाकाली का मंदिर है जहां भगवान रघुनाथ जी का मंदिर भी है। उन्होंने कहा कि सरकारी मंदिर में जाति के नाम से भेदभाव नहीं किया जाता। आज के समय में अगर किसी भी जाति वर्ग का इंसान पढ़-लिख जाता है, उसका आर्थिक उत्थान हो जाता है तो भेदभाव अपने आप ही समाप्त हो जाता है। सरकार अनुसूचित जाति के लोगों को अनेक सुविधाएं दे रही है ताकि इस वर्ग के लोग आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकें। 

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि खून करने वाले को भले ही जमानत मिल जाए लेकिन जाति के बारे में कुछ अपशब्द कहने पर उच्च न्यायालय से ही जमानत मिल पाती है। मुख्यमंत्री ने भगवान रघुनाथ मंदिर को निजी मंदिर कहने पर फिर से विरोध प्रकट करते हुए कहा कि मंदिर किसी की सम्पत्ति नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि कुल्लू में कोई स्थान चिन्हित किया जाए जहां सरकार द्वारा भगवान रघुनाथ जी का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अम्बेदकर भवन के लिए भूमि का चयन किया जाए, सरकार शीघ्र ही भवन निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करवाएगी।

इस मौके पर आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह ने कहा कि भगवान के लिए सभी जन समान हैं और सभी समाज के मुख्य अंग हैं। उन्होंने कोली कल्याण बोर्ड को अपनी ऐच्छिक निधि से एक लाख रुपए प्रदान करने की भी घोषणा की। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. कर्नल धनी राम शांडिल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोली समाज की 56 उप जातियां अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल की गई हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों को सीधी भर्ती में आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए आरम्भ की गईं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने 2 दिवसीय दौरे के दौरान वीरवार को लगघाटी के भुट्टि में 1.04 करोड़ रुपए की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का लोकार्पण किया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह, प्रदेश महासचिव सुंदर सिंह ठाकुर, पूर्व बागवानी मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर, स्थानीय जिला परिषद सदस्य प्रेम लता ठाकुर व मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाई.डी. शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लगघाटी में 2.20 लाख की लागत से दारका पुल का लोकार्पण भी किया।

रोती हुई नन्ही बच्ची को गोद में लेकर किया दुलार
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कुल्लू स्थित लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में कोली समाज द्वारा आयोजित महासम्मेलन में पहुंचे तो एक नन्ही बच्ची गुलदस्ता लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंची और बड़े प्यार से फूलों का गुलदस्ता मुख्यमंत्री को दिया। मुख्यमंत्री ने बच्ची के हाथ से गुलदस्ता लिया लेकिन उसके बाद उन्होंने गुलदस्ता बच्ची को ही प्यार से लौटा दिया। गुलदस्ता बच्ची के हाथ में ही रहा तो वह मायूस हो गई और करीब 3 घंटे तक पत्रकार दीर्घा में बैठी रही और आंसू बहाती रही। मुख्यमंत्री के भाषण की समाप्ति के बाद बच्ची को मुख्यमंत्री के पास ले जाया गया और बच्ची के रोने बारे बताया गया। सारी कहानी सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने बच्ची को गले लगाया और दुलार के बाद बच्ची को मिठाई दी जिस पर नन्ही बच्ची खुश हो गई और उसके आंसू खुशी में बदल गए।

साक्षरता में हिमाचल प्रथम स्थान पर
हिमाचल प्रदेश कोली समाज के राज्य प्रतिनिधि स्तर के महासम्मेलन में जिलाध्यक्ष अमर चंद कोली समाज कुल्लू ने कहा कि साक्षरता में प्रदेश प्रथम स्थान पर है, वहीं कोली समाज की साक्षरता 69 प्रतिशत है। हिमाचल में कुल 5 लाख कोली जाति के लोग हैं जिनमें से 85 हजार कुल्लू में हैं। उन्होंने कहा कि पढ़-लिखकर इंसान में विवेक जागृत हो जाता है तथा सही और गलत की पहचान आ जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी जाति के बच्चों को खिचड़ी अलग खिलाई जाती है। मंदिर के देवता के निर्माण में हम लोग कार्य कर सकते हैं लेकिन देवता को छू नहीं सकते। हमारी बुद्धि सवाल करती है लेकिन आज तक जवाब नहीं मिल पाया है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमें संविधान में समानता का अधिकार दिया गया है, बदलाव तो आया है लेकिन पूर्णतया समानता नहीं आई है।