गुड़िया मामले पर CM वीरभद्र ने दिया बड़ा बयान, पढ़िए क्या कहा

Tuesday, Jul 25, 2017 - 06:46 PM (IST)

शिमला: गुडिय़ा हमारी बेटी के समान है। मेरी 4 बेटियां हैं, मैं महसूस कर सकता हूं गुडिय़ा के माता-पिता का दुख लेकिन सोशल मीडिया में जिस तरह से तोड़-मरोड़ और बढ़ा-चढ़ाकर गलत तस्वीर पेश की गई है, वह गलत है। इस जघन्य हत्या को करने वाले अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा, इसलिए मैंने स्वयं सी.बी.आई. से जांच की सिफारिश की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इसी तरह हाईकोर्ट में सी.बी.आई. से जांच करवाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह बयान गुडिय़ा प्रकरण के बाद लोगों के जनाक्रोश के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुडिय़ा के परिवार सहित प्रदेश के लोगों की जान-माल और सम्मान की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों को क्यों संरक्षण देगी, जब वह उन्हें जानती तक नहीं है।

भाजपा व सी.पी.आई.एम. ने पेश की गलत तस्वीर
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और सी.पी.आई.एम. ने गलत तस्वीर पेश कर राज्य के अंदर सनसनीखेज माहौल पैदा करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि पूरी सतर्कता के बाद भी इस तरह के जघन्य अपराध हो जाते हैं लेकिन अंत में अपराधी पकड़े जाते हैं। गुडिय़ा मामले में सरकार पूरी तरह से चिंतित और गंभीर है और उचित कार्रवाई अमल में लाई गई है। पुलिस ने मामला दर्ज किया है और सी.बी.आई. इसे देख रही है। 

कुछ लोगों ने कानून व्यवस्था को खराब करने का किया प्रयास
हिमाचल प्रदेश में ऐसा कभी नहीं हुआ, इसलिए कुछ लोगों ने मौके का लाभ उठाकर कानून व्यवस्था को खराब करने का प्रयास किया। सरकारी भवनों को नुक्सान पहुंचाने के अलावा थाने व पुलिस की गाड़ी को तोड़ा गया। इसके बावजूद स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से निपटा गया और पुलिस ने बदले की भावना से काम नहीं किया। अपने फेसबुक अकाऊंट को लेकर उन्होंने फिर स्पष्ट किया कि वह स्वयं इसे नहीं चलाते हैं, कुछ स्वयंसेवी इसे चलाते हैं। उन्हें जैसे ही सूचना आई उन्होंने तुरंत कुछ फोटो अपलोड कर दिए लेकिन दूसरे ही सैकेंड इन्हें हटा दिया गया।

गुडिय़ा मामले के बहाने शांति भंग न करें 
उन्होंने राजनीतिक दलों को सलाह दी कि गुडिय़ा मामले में राजनीति न करें। राजनीति के लिए और भी बहुत से मंच हैं। इस तरह के मामलों की गलत तस्वीर पेश करने से समाज में अशांति पैदा होती है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा व सी.पी.आई.एम. को जानते हैं। उन्होंने दावा किया कि इन दलों की ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ज्यादा पैठ नहीं है, इसलिए वे ऐसे मौके की तलाश में रहते हैं, जिससे सनसनी पैदा कर सकें, सड़कें बंद कर सकें और पत्थर फैंक सकें। सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। विरोध करने के लिए धरना-प्रदर्शन करना जायज है लेकिन शांति को भंग करने और सरकारी भवनों को जलाने का प्रयास करना एक सोची-समझी साजिश है।

मेरा बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया
उन्होंने कहा कि गुडिय़ा मामले में मेरा बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि यह एक अपराध की घटना है। हिमाचल प्रदेश में ऐसे अपराध कम होते हैं जबकि अन्य राज्यों में ऐसी घटनाएं अधिक घटित होती हैं। यह एक दुखद घटना घटी है, जिसका सरकार को दुख है। इस मामले में पुलिस तुरंत हरकत में आई तथा आरोपियों को तुरंत हिरासत में लिया गया। हालांकि दुर्भाग्य से 1 आरोपी की हिरासत में मौत हो गई, जिसकी जांच चल रही है।