CM जयराम ने एनवायरन्मैंट क्लीयरैंस के लिए PM Modi को लिखा पत्र

Wednesday, Jul 11, 2018 - 09:05 PM (IST)

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में घूमकर निवेशकों को लुभाने केदावे कर रहे हैं लेकिन हिमाचल में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के इच्छुक लोगों को मायूस किया जा रहा है। मेक इन इंडिया का नारा देने वाली मोदी सरकार के पास इस वक्त हिमाचल के 39 बड़े हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट समेत 196 परियोजनाएं एफ.सी.ए. के कारण लटकीहुई हंै। यह देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जल्द एफ.सी.ए. देने की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की है कि एफ.सी.ए. न मिलने की वजह से प्रदेश में नए पावर प्रोजैक्ट नहीं लग पा रहे हैं। केंद्र के पास कुछ प्रोजैक्ट ऐसे भी हैं, जो साल 2014 से लटके हुए हैं। इससे पावर डिवैल्पर के साथ-साथ राज्य को भी राजस्व के रूप में घाटा उठाना पड़ रहा है। केंद्र सरकार इन प्रोजैक्ट्स पर कंपनसेटरी अफोरस्टेशन (प्रतिपूरक वनीकरण) की शर्त लगा रही है।


हिमाचल में 67 फीसदी फोरैस्ट लैंड
 प्रदेश में 67 फीसदी फोरैस्ट लैंड है। इसके विपरीत शामलात भूमि 1 फीसदी है। शामलात भूमि पर प्रदेश के 22 हजार से अधिक गांव के लोग तरह-तरह की गतिविधियां कर रहे हैं। ऐसे में पावर प्रोजैक्ट के लिए शामलात भूमि या नॉन-फोरैस्ट लैंड उपलब्ध करवा पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है, जहां पर प्रोजैक्ट लगाने की एवज में प्लांटेशन की जा सके। बताया जा रहा है कि बीते 4 सालों के दौरान केंद्र से एक भी हाईड्रो प्रोजैक्ट को क्लीयरैंस नहीं मिल पाई है। इस वजह से प्रोजैक्ट के निर्माण में अनावश्यक देरी हो रही है। यह जानकारी ऊजा मंत्री अनिल शर्मा ने दी है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान भी यह मुद्दा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष उठाया गया है।

Vijay