नशाखोरी-खनन माफिया पर CM जयराम के कड़े तेवर, पुलिस विभाग को दिए ये निर्देश

Wednesday, Jan 24, 2018 - 12:21 AM (IST)

शिमला: नशाखोरी और खनन माफिया पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने तेवर कड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी सूरत में माफिया राज फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने राज्य पुलिस विभाग को नशाखोरी और खनन माफिया पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री राज्य गृह विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस के समक्ष पारंपरिक और मनोचिकित्सक प्रकार की नशीली दवाइयां एक गंभीर चुनौती है तथा ड्रग माफिया से निपटने के लिए एक ठोस योजना की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी के दृष्टिगत 27 जनवरी को गुडिय़ा हैल्पलाइन व शक्ति बटन मोबाइल एप का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल का डिस्कनैक्ट न होना शेक-अप प्रणाली एप की एक अनूठी विशेषता होगी। 

होशियार सिंह हैल्पलाइन की शुरूआत करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने होशियार सिंह हैल्पलाइन की शुरूआत करने की दिशा में भी काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपातकाल एम्बुलैंस, अग्रिशमन व पुलिस सेवाओं के लिए टोल फ्री नंबर-112 की शुरूआत करने वाला देश का पहला राज्य बनना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांस अधिनियम-1985 के तहत सजा की दर में कमी पर कारण बताने को कहा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भारत सरकार की विद्यार्थी पुलिस कैडेट योजना के अंतर्गत चरणबद्ध ढंग से प्रत्येक जिला से 5 और कुल 60 पाठशालाओं को शामिल किया जाएगा।

कड़े यातायात नियमों के लिए तैयार की जाए योजना
राज्य में दुर्घटनाओं के कारण मौतों में हो रही वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कड़े यातायात नियमों के लिए एक योजना तैयार की जानी चाहिए। हालांकि राष्ट्रीय उच्च मार्गों और कुछ अन्य स्थानों पर इंटरसैप्शन वाहनों की तैनाती की जा सकती है लेकिन नशे की हालत और मोबाइल सुनते वक्त वाहन चलाने पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। बैठक में अवगत करवाया गया कि 100 दिनों के लक्ष्य के तहत राज्य में पॉलीग्राफ परीक्षण शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही सभी अग्रिशमन उपकरणों का परिचालन करने का भी निर्णय लिया गया है।

खोया विश्वास पुन: अर्जित करे पुलिस 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को अपनी छवि को पुनस्र्थापित और पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता है। राज्य में पिछली सरकार के शासनकाल के दौरान बलात्कार और हत्या के कुछ मामलों के बाद जिस तरह मामलों को निपटाने की कोशिश की गई, उससे पुलिस की छवि बुरी तरह खराब हुई। उन्होंने कहा कि अब शासन में बदलाव के साथ लोगों को नई सरकार और पुलिस से काफी उम्मीदें हैं और पुलिस को अपनी सामुदायिक योजनाओं का खोया विश्वास पुन: अर्जित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों को पुलिस की मदद लेने में किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। पुलिस द्वारा अनुकूल प्रयासों को शुरू करने की आवश्यकता है। बैठक में मुख्य सचिव विनीत चौधरी, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरड़ी, अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव मनीषा नंदा व प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस तथा सिविल अधिकारी भी उपस्थित थे।