NPS के दायरे में आने वाले 2114 कर्मचारियों की हुई मौत : जयराम
punjabkesari.in Tuesday, Aug 03, 2021 - 11:39 PM (IST)
शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि वर्ष, 2003 से अब तक एनपीएस के दायरे में आने वाले 2,114 कर्मचारियों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि एनपीएस के दायरे में आने वाले ऐसे कर्मचारियों की मृत्यु एवं दिव्यांग होने पर वित्तीय लाभ देने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से 6 मई, 2009 को जारी आदेशों के तहत यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति इस समय खराब है और इसमें सुधार आने पर ही कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने यह जानकारी विधायक राकेश सिंघा की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि अब तक लोक निर्माण विभाग में सबसे अधिक 590 कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। इसके अलावा जल शक्ति विभाग में 289, प्रारंभिक शिक्षा में 248, वन विभाग में 139, पुलिस में 82, पशुपालन में 76, आयुष में 55 तथा बागवानी विभाग में 24 कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। इस तरह करीब 50 विभागों में कर्मचारियों की मृत्यु हुई है।
सरकार की तरफ से 10 लाख की ग्रैच्युटी का प्रावधान
उन्होंने कहा कि अब तक केंद्र सरकार की तरफ से लिए गए निर्णय को उत्तराखंड, राजस्थान और असम ने अमल किया है जबकि पंजाब एवं गुजरात ने इसे नहीं अपनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक एनपीएस कर्मचारियों को दिए जाने वाले अंशदान में 10 से 14 फीसदी की बढ़ौतरी की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से 10 लाख की ग्रैच्युटी का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में भी 110 करोड़ का प्रावधान किया है।
राकेश सिंघा की तारीफ का नहीं पड़ा असर
राकेश सिंघा ने प्रश्न पूछते हुए मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ की लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गंभीर वित्तीय संकट का हवाला देते हुए इस पर तुरंत कोई निर्णय लेने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल हालात के बावजूद भी सरकार इस मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है।
15 अगस्त को घोषणा करे सरकार : महासंघ
न्यू पैंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव भरत शर्मा ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि 15 अगस्त को राज्य सरकार पारिवारिक पैंशन देने की घोषणा करें। उन्होंने कहा कि एनपीएस के दायरे में आने वाले 2,114 कर्मचारियों की अब तक मृत्यु हो चुकी है।