चुनावी हालत पतली जानकर माेहल्ले-माेहल्ले उतरे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर: राणा

Saturday, Apr 03, 2021 - 06:12 PM (IST)

सोलन : नगर निगम चुनावों में अपनी हालत पतली देखकर अब बीजेपी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ही माेहल्ले-माेहल्ले में ही घुमाना शुरु कर दिया है। प्रदेश की राजनीति में शायद यह पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री को नगर निगम चुनावों में वार्ड स्तर की राजनीति के लिए उतरना पड़ा है। यह बात सोलन नगर निगम चुनाव प्रभारी एवं राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने कही है। राणा ने जानकारी दी कि 5 तारीख सोमवार को सोलन नगर निगम के चुनाव प्रचार को अंतिम रूप व फैसला देने के लिए प्रदेश के सर्वमान्य नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह चुनावी रैली का नेतृत्व करने स्वयं सोलन आएंगेे। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के इस फैसले से बीजेपी की हवाईयां उड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल में नगर निगम के चुनाव प्रचार में उतरे मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों की फौज से शहरी आवाम साढ़े तीन साल की कारगुजारी का हिसाब मांग रही है। शहरी जनता व बेरोजगार युवा अब सरकार के काम का मूल्यांकन कर रहे हैं व बीजेपी के द्वारा की गई हवाई घोषणाओं का हिसाब मांग रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हवाई पट्टियों की बात हो या प्रदेश के नेशनल हाईवे की बात हो या फिर रेल लाईन की बात हो। जिसके वायदे बीजेपी ने किए थे अब चुनाव प्रचार में उनकी कोई बात नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित मंत्रियों की फौज से जब डबल व ट्रिपल इंजन की सरकार का हिसाब मांगा जा रहा है तो वह बगलें झांकने को मजबूर हो रहे हैं। अब भ्रष्टाचार व डबल इंजन की सरकार की कारगुजारी के कारण चुनाव में बीजेपी की बोलती बंद है। बेरोजगारी प्रदेश में पूरे परचम पर है। देश में बीजेपी के उम्मीदवारों की कारों में ईवीएम मिल रही है। जो कि यह बताने के लिए काफी है कि ईवीएम को बीजेपी जनादेश से द्रोह करने में इस्तेमाल कर रही है। प्रदेश में 15 लाख से ज्यादा पंजीकृत बेरोजगारों की फौज सरकार को पानी पी-पी कर कोस रही है लेकिन सरकार ने सिर्फ दो विधानसभा हल्कों में चोर दरवाजों से भर्तियों का मन्सूबा बनाया है। प्रदेश के बजट का बड़ा हिस्सा भी इन्हीं दो हल्कों में खर्चा जा रहा है। जिसको देखकर साफ लग रहा है कि सरकार अब जिला मंडी के दो हल्कों की होकर रह गई है। 

उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि सरकार बताए कि सोलन में उन्होंने किसको नौकरी दी है। सारे प्रदेश की पोस्टें डायवर्ट करके सिर्फ दो विधानसभा हल्कों में नौकरी देने की कवायदें शुरु हैं। राणा ने सरकार से पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री सिर्फ दो हल्कों के ही हैं, क्या 66 विधानसभा क्षेत्रों की बेरोजगारी उन्हें नहीं दिख रही है। सरकार के काम से लग रहा है कि अब मुख्यमंत्री प्रदेश के नेता नहीं दो विधानसभा हल्कों के नेता हो कर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि हैरानी यह है कि जो विभाग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास हैं उन्हीं में सबसे ज्यादा अराजकता फैली हुई है। राणा ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि जब बीते साल कोविड में कोई विकास कार्य ही नहीं हुआ है तो करीब 50 हजार करोड़ रुपए का बजट कहां खर्च हुआ। 5 हजार करुणामूल्क बेरोजगार नौकरियों के लिए भटक रहे हैं। बीजेपी ने चुनाव से पहले कहा था कि उन्हें सबसे पहले नौकरी देंगे। सरकारी नौकरियों में अनुबंध की समय सीमा 2 वर्ष का वायदा भी बीजेपी ने किया था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बीजेपी के तमाम वायदे झूठे साबित हुए हैं। ऐसे में नगर निगम के चुनावों में अब इनकी बात व वायदे का कोई मोल नहीं है। बीजेपी की फौज जहां भी चुनाव प्रचार में जा रही है वहां उन्हें अपनी ही सरकार की कारगुजारियों के कारण बगलें झांकने पड़ रही हैं। मतदाता हिसाब मांग रहा है और बीजेपी इधर-उधर की बात कर रही है।

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prashant sharma