DC-SP सम्मेलन में CM जयराम ने ली 8 घंटे तक क्लास, दिए ये आदेश

Tuesday, Sep 18, 2018 - 11:20 AM (IST)

शिमला (विकास): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि लोगों की समस्याओं के निवारण के लिए राज्य सरकार ने जनमंच कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी और अधिकारियों को इसे गंभीरता से लेना होगा। इसी तरह नशे जैसी सामाजिक बुराई के साथ सख्ती से निपटा जाएगा और इसके लिए यदि आवश्यक हुआ तो कानून में संशोधन भी किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह बात राज्य के जिलाधीशों एवं पुलिस अधीक्षकों के सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अलावा प्रदेश सरकार की योजनाओं को सफल बनाने के लिए उचित निर्देश भी दिए। जिलाधीशों एवं पुलिस अधीक्षकों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने करीब 8 घंटे तक संवाद किया। 


जयराम ठाकुर ने कहा कि अधिकारियों विशेषकर जिलाधीशों और पुलिस अधीक्षकों जैसे फील्ड अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। विकास का लाभ लक्षित समूहों तक समयबद्ध सुनिश्चित बनाने में भी इन अधिकारियों की विशेष जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस राज्य में कानून एवं व्यवस्था की बेहतर स्थिति बनाए रखने में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जिलाधीशों की भूमिका महज कानून व व्यवस्था बनाए रखना ही नहीं है बल्कि अपने क्षेत्राधिकार में राज्य सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित बनाने के लिए गुड़िया हैल्पलाइन व शक्ति एप आरंभ किए गए हैं। 


उन्होंने नशे के बढ़ते प्रचलन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इस सामाजिक बुराई के विरुद्ध सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पहल से 4 पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चंडीगढ़ में इस सामाजिक बुराई से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने पर एक बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस सामाजिक बुराई से निपटने के लिए एक विशेष अभियान चलाने की योजना बना रही है और इसमें जिलाधीशों तथा पुलिस अधीक्षकों की अहम भूमिका रहेगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अफीम व भांग को उखाडऩे व नष्ट करने के लिए एक प्रभावी अभियान चलाया जाएगा।


बैठक में बरसात से हुए नुकसान को लेकर भी चर्चा हुई। इस दौरान जानकारी दी गई कि भारी वर्षा के कारण 1180.40 करोड़ रुपए की सार्वजनिक तथा निजी संपत्तियों का नुक्सान हुआ है और अभी तक प्रभावितों को 230 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है। शहरी क्षेत्रों और विशेषकर पर्यटन स्थलों में अनधिकृत निर्माण से निपटने पर विस्तृत चर्चा की गई। यह निर्णय लिया गया कि वन भूमि पर अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण की निगरानी के लिए हर महीने बैठक की जाएगी। कांगड़ा, शिमला, सोलन तथा कुल्लू के जिलाधीशों ने अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण को नियंत्रित करने पर बहुमूल्य सुझाव दिए। बैठक में यह जानकारी दी गई कि होशियार सिंह हैल्पलाइन के तहत 855 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 840 शिकायतों का समाधान किया गया है। गुडिय़ा हेल्पलाइन के अन्तर्गत प्राप्त 892 शिकायतों में से 867 का निपटारा किया गया है।

डी.सी.-एस.पी. नियमित रूप से करेंगे बैठकें
जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी जिलाधीशों तथा पुलिस अधीक्षकों को आम जनमानस के साथ नियमित रूप से बैठकें करनी चाहिए ताकि सही फीडबैक प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि लोगों से सीधा संवाद प्रदेश के लोगों की जरूरतों व अपेक्षाओं के अनुरूप नीतियां व योजनाएं तैयार करने में भी सहायक सिद्ध होता है। उन्होंने घोषणा की कि अति विशिष्ट व्यक्तियों के दौरों के दौरान पायलट वाहन के रूप में उपयोग करने के लिए प्रत्येक जिले को वाहन उपलब्ध करवाया जाएगा। 

डिजिटल गैजिटियर का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वर्ष 1953 से डिजिटल गैजिटियर (राजपत्र) का भी शुभारंभ किया। अब यह गैजेट प्रदेश राजपत्र पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध होगा। इसके शुभारंभ होने से हिमाचल ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसके सभी राज्य गैजेट्स ऑनलाइन उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सिरमौर के जिलाधीश की तरफ से विकसित एप माई डी.सी. का भी शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर राजस्व विभाग के 2 एप का भी शुभारंभ किया। इनमें एकीकृत भू-नक्शा जमाबंदी, जागरूकता जिंगल्ज व सर्कल रेट एंड्रॉयड एप शामिल हैं। इन एप से लोगों को उनकी जमीन का नक्शा 5 दिन के भीतर प्राप्त होने की सुविधा होगी। 

Ekta