CM जयराम बोले-आऊटसोर्स कर्मियों को अनुबंध व नियमित करने का प्रावधान नहीं

Friday, Aug 31, 2018 - 07:35 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आऊटसोर्स पर सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को अनुबंध पर लाने और नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है। इनकी सेवाओं को कंपनी के साथ हुए समझौते के आधार पर लिया जाता है। इसके बावजूद सरकार ऐसे कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखने के अलावा उनको शोषण से बचाने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी विधायक राकेश सिंघा, हर्षवर्धन चौहान और विनोद कुमार की तरफ से पूछे प्रश्न के उत्तर में दी।

8,731 आऊटसोर्स कर्मचारी दे रहे सेवाएं
उन्होंने कहा कि प्रदेश सचिवालय सहित विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों व विद्युत परिषद में 15 फरवरी, 2018 तक आऊटसोर्स के आधार पर 8,731 कर्मचारी कार्यरत थे। इनमें सरकारी विभागों में 5,048, बोर्डों में 2,893 और निगमों में 790 कर्मचारी आऊटसोर्स पर नियुक्त हैं। उन्होंने बताया कि गत 3 वर्षों  2015, 2016 और 2017 में आऊटसोर्स पर सेवाएं देने वाली कंपनी व ठेकेदारों पर 225,88,26,495.00 रुपए खर्च किए।

वेतन निर्धारण के लिए कोई मानक फार्मूला नहीं
आऊटसोर्स कर्मियों के वेतन निर्धारण के लिए कोई मानक फार्मूला नहीं है, जिसके आधार पर वेतन दिया जाता है। इस श्रेणी के कर्मचारियों की लिए राज्य सरकार की तरफ से 1 जुलाई, 2017 को दिशा-निर्देश जारी किए गए ताकि कार्यस्थल पर शोषण न हो। उन्होंने कहा कि यदि किसी कर्मचारी का शोषण किए जाने की शिकायत मिलती है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। आऊटसोर्स के तहत न तो रोस्टर का प्रावधान है और न ही पॉलिसी का प्रावधान है।

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी जारी हुए हैं कुछ निर्देश
मौजूदा समय में केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से आऊटसोर्स पर कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। इस बारे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी कुछ निर्देश जारी हुए हैं। इससे पहले विधायक राकेश सिंघा ने आऊटसोर्स कर्मचारियों का शोषण होने और 8 घंटे की बजाय 12 घंटे तक सेवाएं लेने का आरोप लगाया। इसी तरह विधायक हर्षवर्धन चौहान ने आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाकर उनका वेतन निर्धारित करने की मांग की, साथ ही विधायक विनोद कुमार ने भर्ती में रोस्टर का मामला उठाया।

Vijay