CM जयराम ने अपने हाथ ली उपचुनाव की कमान, हफ्ते में दूसरी बार 8 को आएंगे धर्मशाला

Thursday, Sep 05, 2019 - 10:05 AM (IST)

धर्मशाला (सौरभ): लोकसभा चुनावों के दौरान पैर में दर्द के बावजूद पूरे 2 माह तक प्रचार की कमान संभाले रहे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धर्मशाला व पच्छाद में जल्द होने जा रहे उपचुनाव में भी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए खुद मोर्चा संभाल लिया है। उपचुनाव की तैयारियों को धार देने मुख्यमंत्री एक सप्ताह में दूसरी बार 8 सितम्बर को धर्मशाला आएंगे। इस दौरान वह पार्टी के विस्तारकों व कार्यकत्र्ताओं से पुन: फीडबैक लेंगे। पुख्ता सूत्रों के अनुसार जिले के कुछ मंत्रियों और विधायकों की परफॉर्मैंस से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने अपने-अपने हलकों तक सिमट कर रह गए मंत्रियों को उपचुनाव के दृष्टिगत सक्रिय होने को कहा है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तर्ज पर धर्मशाला व पच्छाद में फ्रंटल संगठनों के सम्मेलन भी करवाने की योजना बनाई है।

इसकी शुरूआत धर्मशाला में लाभार्थी सम्मेलन से करने का प्रस्ताव है जिसमें प्रदेश प्रभारी मंगल पांडे के शामिल होने की संभावना है। इस सम्मेलन में मोदी सरकार व राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित लोगों को बुलाया जाएगा। पुख्ता सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व संगठन मंत्री पवन राणा के मध्य हुई लंबी मंत्रणा के बाद धर्मशाला उपचुनाव में टिकट के दावेदारों की लंबी सूची को छोटा करते हुए संभावित 3 उम्मीदवारों का पैनल भी तैयार कर लिया गया है जिसे हाईकमान के पास भेजा जाएगा। उधर, सांसद किशन कपूर भी अपने पुत्र को मैरिट के आधार पर टिकट की पैरवी कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में धर्मशाला के भाजपाइयों ने उपचुनाव में लोकल उम्मीदवार उतारने को ही टिकट देने का सुझाव दिया है। 

उपचुनाव में आसान नहीं भाजपा की राह

जिला कांगड़ा के कुछ मंत्रियों व विधायकों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों पर भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर गंभीर हैं। उपचुनाव के बाद संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में नए मंत्री शामिल करने के साथ कुछेक के विभाग भी बदले जा सकते हैं। जनता में बनी विपरीत धारणा को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री जल्द ही कुछ कड़े कदम उठा सकते हैं। बताया जा रहा है कि 8 सितम्बर को मुख्यमंत्री जिले के तमाम अफसरों से बैठक कर विकास योजनाओं की फीडबैक भी लेने जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सर्किट हाऊस में 2 दिन चली मैराथन बैठकों में मिले फीडबैक के आधार पर सी.एम. धर्मशाला उपचुनाव में पार्टी की राह आसान नहीं मान रहे हैं।

Ekta